पिछले दिनों सागर शहर के मास्टर प्लान को अनुमोदित किया गया। सागर के बाद उम्मीद है कि विभाग की नजर छिंदवाड़ा के प्रस्ताव पर पड़ेगी और शीघ्र ही यहां का मास्टर प्लान अस्तित्व में आ जाएगा। मेडिकल कॉलेज खुलने, विश्वविद्यालय की सौगात मिलने और रेलवे नेटवर्क से जुडऩे के बाद शहर का तेजी से विस्तार हो रहा है। शहर समेत आस-पास के गांवों की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। प्रतिवर्ष एक दर्जन से अधिक नई कॉलोनियां अस्तित्व में आ रही हैं। शॉपिंग मॉल और बहुमंजिला इमारतें आकार ले रही हैं। पुरानी बसाहट के साथ ही नई कॉलोनियों में पानी, सडक़ और नालियों की व्यवस्थित मांग बढ़ती जा रही है। लेकिन मास्टर प्लान के अभाव में आबादी और शहर के विस्तार की तुलना में मूलभूत जरूरतों की व्यवस्थित पूर्ति नहीं हो पा रही है।
सरकार को चाहिए कि वह जल्दी ही यह मास्टर प्लान जारी करे। प्रदेश के कई अन्य जिलों के मास्टर प्लान के साथ भी ऐसी ही स्थिति है। सरकार का दायित्व है कि वह उन जिलों की फाइलें भी जारी करे, ताकि सभी जिले अपने बाशिंदों की जरूरतों की पूर्ति की राह में अग्रसर हो सकें और सबका जीवन सुगम बना सकें।