ऐसे समझें इस सीट पर उपचुनाव का गणित
गोंगपा के
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की इस सीट पर सियासी अस्तित्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2003 के चुनाव में गोंगपा ने 33.37 प्रतिशत वोट शेयर लेकर भाजपा के हुकम सिंह ठाकुर को दस हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी यहां गोंगपा का अच्छा प्रदर्शन रहा। गोंगपा प्रत्याशी ने 60 हजार से ज्यादा वोट हासिल कर दूसरे नंबर पर जगह बनाई थी। भाजपा तीसरे नंबर पर थी।
यहां भाजपा को मजबूत होता देख अब कांग्रेस और गोंगपा के बीच समझौते की चर्चा जोरों पर है, लेकिन इस राह में कई रोड़े हैं। कांग्रेस के नेता गोंगपा से समर्थन मांगकर सीट छोडऩे के लिए कह रहे हैं, जबकि गोंगपा कांग्रेस से समर्थन मांगकर उसे सीट छोडऩे के लिए कह रही है। इसी में सारा मसला उलझा पड़ा है।
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एक नामांकन जमा
नामांकन प्रक्रिया के दूसरे दिन शनिवार को एक अभ्यर्थी ने पर्चा दाखिल किया। 16-17 जून को सार्वजनिक अवकाश होने से नामांकन जमा नहीं होंगे। आखिरी तारीख 21 जून है।
एक विधायक से कौन सी सरकार बना लेगी कांग्रेस
पत्रिका ने गोंगपा की रणनीति समझने के लिए प्रदेश अध्यक्ष अमन सिंह पोर्ते से बात की तो उन्होंने बताया कि प्रत्याशी फाइनल करने को लेकर हमारा मंथन चल रहा है। जहां तक सवाल कांग्रेस से समझौते का है तो कांग्रेस को समर्थन देकर सीट छोड़ देना चाहिए, क्योंकि कौन सा एक सीट से वो सरकार बना लेगी और हमारा विधायक बनता है तो सदन में हमारी उपस्थिति हो जाएगी।