scriptBlind Music Guru: देख नहीं सकते, अब डॉक्यूमेंट्री में दुनिया देखेगी इनका संघर्ष | Blind Music Guru: He can't see, now the world will see his struggle in a documentary | Patrika News
रायपुर

Blind Music Guru: देख नहीं सकते, अब डॉक्यूमेंट्री में दुनिया देखेगी इनका संघर्ष

Blind Music Guru: सोचिए कोई शख्स जो दृष्टिबाधित हो और तमाम परेशानियों का सामना करते हुए एक मुकाम बना लेता है। संगीत गुरु बन नई पीढ़ी को संगीत के गुर सिखाता है और फिर उसके जीवन पर डॉक्यूमेंट्री भी बन जाती है।

रायपुरSep 03, 2024 / 01:23 pm

Tabir Hussain

Blind Music Guru
Blind Music Guru: कुछ सेकंड के लिए आंखें मूंदने पर हमें रोशनी का महत्त्व समझ में आ जाता है। सोचिए कोई शख्स जो दृष्टिबाधित हो और तमाम परेशानियों का सामना करते हुए एक मुकाम बना लेता है। संगीत गुरु बन नई पीढ़ी को संगीत के गुर सिखाता है और फिर उसके जीवन पर डॉक्यूमेंट्री भी बन जाती है।
Blind Music Guru: हम बात कर रहे हैं रायपुर के 59 वर्षीय एम. श्रीराम मूर्ति की। उनके जीवन पर संकल्प नामक डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है जिसका प्रीमियर 3 सितम्बर को कालीबाड़ी स्थित गुरुकुल ऑडिटोरियम में रखा गया है। 30 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री में मूर्ति का जीवन संघर्ष और उपलब्धियों को दिखाया जाएगा। पत्रिका से बातचीत में एम. मूर्ति ने बताया, भिलाई में आयोजित एक कार्यक्रम में मैं प्रस्तुति देने गया था। तभी डॉक्यूमेंट्री मेकर शोभारानी टी से मेरा इंट्रेक्शन हुआ और उन्होंने मुझे पर डॉक्यूमेंट्री बनाने की इच्छा जाहिर की।
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Blind Music Guru: डेढ़ साल में बनकर तैयार

एम. मूर्ति बताते हैं, इस वृत्तचित्र को बनाने में प्रोडक्शन हाउस को लगभग डेढ़ साल लगे। इसमें मेरे जन्म से लेकर अब तक का जीवन समाहित है। मैं छठवीं में था। पिताजी बीएसपी में डीजीएम थे। पिता ने मुझमें संगीत के प्रति रुचि देखी तो मुखर्जी साहब के पास लेकर गए जो बड़े कलाकार थे और साईं भजन गाते थे।
उन्हें मेरी आवाज अच्छी लगी, उन्होंने मुझे खैरागढ़ विवि में दाखिले के लिए कहा। वहां हमारी मुलाकात दृष्टिबाधित अनिल व्यवहार से हुई जो पढ़ाई कर रहे थे। तब मैंने जाना कि दृष्टिबाधित भी संगीत सीख सकते हैं। उनकी सलाह पर मुझे इंदौर के ब्लाइंड स्कूल में भर्ती कराया गया। वहां से आठवीं पास कर मैं खैरागढ़ विवि आया। 11वीं बोर्ड में मेरे राइटर डी रविशंकर थे, जो आज आईपीएस हैं। १९९२ में मैं कमलादेवी संगीत महाविद्यालय आया और प्रिंसिपल भी रहा। अभी भी पढ़ा रहा हूं।

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