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छतरपुर

महाराजा छत्रसाल फिर विराजे शौर्यपीठ पर, जगी न्याय की आस, प्रजा ने एेसे किया स्वागत

21 से संभालेंगे विधिवत शासन, ये भी होंगे सभा में

छतरपुरMar 08, 2018 / 01:26 pm

Samved Jain

Maharaja Chhatrasal statue installed

Maharaja Chhatrasal statue installed

छतरपुर। बुंदेलखंड केशरी एवं राष्ट्रनायक महाराजा छत्रसाल की 52 फीट ऊंची अष्ठधातु से विशाल अश्वरोही प्रतिमा बुधवार को विशेष क्रेन की मदद से छत्रसाल शौर्यपीठम पर स्थापित कर दी गई है। इसके पूर्व छत्रसाल स्मृति शोध संस्थान के पदाधिकारियों की मौजूदगी में पूजन के बाद महाराजा छत्रसाल की प्रमिता को क्रेन के माध्यम से निर्धारित स्थल पर रखा गया। अब 21 मार्च को समारोहपूर्वक प्रतिमा का अनावरण होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत इस प्रतिमा का अनावरण करेंगे। बुंदेलखंड में संघ प्रमुख मोहन भागवत का यह पहला दौरा होगा। इस समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहार, प्रसिद्ध संत रावतपुरा सरकार सहित देशभर की हस्तियों को आमंत्रित किया गया है।
बुधवार को छत्रसाल महाराज की 52 फिट ऊंची प्रतिमा को रंग-रोगन के बाद शौर्यपीठ के ऊपर बनाए गए स्थल पर क्रेन की मदद से चढ़ाया गया। इस इसके पहले यहां पर विधि-विधान से प्रतिमा का पूजन किया गया। इस मौके पर प्रतिमा निर्माण के मुख्य कर्ताधर्ता डॉ. पवन तिवारी, छत्रसाल स्मृति शोद्य संस्थान के अध्यक्ष भगवतशरण अग्रवाल, सचिव राकेश खरे, सहसचिव जयदेव सिंह बुंदेला, विनय चौरसिया, गोविंद सिंह बुंदेला सहित संघ से जुड़े कार्यकर्ता-पदाधिकारी मौजूद थे। इसके बाद यहां पर ग्वालियर से बुलाई गई विशेष क्रेन से प्रतिमा को उठाया गया और छत्रसाल शौर्य पीठम स्थल पर स्थापित किया गया। तीन घंटे के प्रयास के बाद शाम 4 बजे प्रतिमा निर्धारित स्थल पर रख गई थी।
इसके पहले मंगलवार को कलेक्टर रमेश भंडारी ने प्रतिमा स्थल का दौरा किया था। उन्होंने 21 मार्च को आ रहे आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहनराव भागवत के कार्यक्रम के मद्देनजर दौरा किया था। इस दौरान कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने तैयारियों का जायजा लिया और समिति के पदाधिकारियों से आयोजन के संबंध में विस्तृत चर्चा की।
छत्रसाल शौर्य पीठम में प्रदर्शित होगा बुंदेलकेशरी की जीवनगाथा :
मऊसहानियां के जिस खेल मैदान में इस प्रतिमा की स्थापना एवं महाराजा छत्रसाल स्मारक का भी निर्माण किया जा रहा है उस स्थान को अब छत्रसाल शौर्य पीठम के नाम से जाना जाएगा। महाराजा छत्रसाल स्मृति शोध संस्थान के अध्यक्ष भगवतशरण अग्रवाल ने बताया कि महाराजा छत्रसाल के गौरवशाली इतिहास को देश भर में पहुंचाने के लिए समिति दो वर्षों से मऊसहानियां के समीप 52 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया है। साथ ही इस स्थल को महाराजा छत्रसाल मेमोरियल के रूप में विकसित किया जा रहा है। शौर्यपीठम के अंदर महाराजा छत्रसाल की शौर्यगाथा को स्ट्रक्चर आर्ट के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। इस काम को शहर के प्रसिद्ध आर्टिस्ट एवं महाराजा छत्रसाल की विशाल प्रतिमा के चेहरे को गढऩे वाले कलाकार दिनेश शर्मा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जन भावनाओं के अनुरूप और जनसहयोग से चल रहे इस कार्य में समूचे बुंदेलखंड और देश का योगदान मिला है। इसलिए प्रतिमा का अनावरण समारोह भी उन्हीं विराट भावनाओं के अनुरूप एक भव्य कार्यक्रम के साथ होगा।
फैक्ट फाइल
२७ अक्टूबर १५ में प्रतिमा निर्माण कार्य शुरू हुआ था।
१५ कारीगरों की टीम ने दो साल तक दिन-रात काम किया।
१२ टन पीतल-लोहा सहित अष्ठधातु से प्रतिमा की ढलाई हुई।
१० टन वजन की प्रतिमा फिनिसिंग के बाद मूर्त रूप में आई।
१० रुपए के 10 लाख स्टीकर कूपन से देशभर में जनसहयोग जुटाया गया।
०१ करोड़ १० लाख रुपए प्रतिमा निर्माण की लागत आई।
५२ फिट ऊंची प्रतिमा शौर्य पीठ पर रखने के बाद होगी।
२१ मार्च को आरएसएस प्रमुख मोहनराव भागवत करेंगे प्रतिमा अनावरण

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