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छतरपुर

8 साल में नहर से जुड़ेंगी केन बेतवा नदी, 103 मेगावाट जल ऊर्जा और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का भी होगा उत्पादन

देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना परियोजना का निर्माण 8 साल में दो चरण में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में ढोढऩ बांध परिसर और उससे जुड़े कार्य जैसे निम्न स्तरीय सुरंग, उच्च स्तरीय सुरंग, 221 किलोमीटर केन-बेतवा लिंक नहर और बिजलीघरों का निर्माण पूरा किया जाएगा।

छतरपुरAug 02, 2024 / 10:49 am

Dharmendra Singh

river link

नेशनल वाटर डेवलपमेंट एजेंसी का नक्शा

छतरपुर. देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना परियोजना का निर्माण 8 साल में दो चरण में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में ढोढऩ बांध परिसर और उससे जुड़े कार्य जैसे निम्न स्तरीय सुरंग, उच्च स्तरीय सुरंग, 221 किलोमीटर केन-बेतवा लिंक नहर और बिजलीघरों का निर्माण पूरा किया जाएगा। वहीं, दूसरे चरण में निचली ओर डैम, बीना कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट और कोठा बैराज विकसित किया जाएगा। केन बेतवा लिंक परियोजना में केन व बेतवा नदी को 221 किलोमीटर लंबी कांक्रीट नहर से जोडऩे के साथ ही सहायक नदियों पर भी प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे। केन-बेतवा नदी इंटरलिंकिंग परियोजना में ढोडऩ बांध के निर्माण के माध्यम से केन से बेतवा नदी में पानी का हस्तांतरण किया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में नहर के माध्यम से कोठा बैराज, लोअर ओरर परियोजना और बीना कॉम्प्लेक्स बहुउद्देशीय परियोजना को जोड़ा जाएगा। इससे सागर जिले को भी सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।

बेतवा से जुड़ी सहायक नदियों पर बनेंगे बांध


इस प्रोजेक्ट के पहले फेज में केन नदी पर ढोडऩ गांव के पास बांध बनाकर पानी रोका जाएगा। यह पानी नहर के जरिए बेतवा नदी तक पहुंचाया जाएगा। वहीं, दूसरे फेज में बेतवा नदी पर विदिशा जिले में 4 बांध बनाए जाएंगे। इसके साथ ही बेतवा की सहायक बीना नदी जिला सागर और उर नदी जिला शिवपुरी पर भी बांधों का निर्माण किया जाएगा। प्रोजेक्ट के दोनों फेज से सालाना लगभग 10.62 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई का टारगेट तय किया गया है।

बिजली भी मिलेगी


भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना से 103 मेगावाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा। यह 10.62 लाख हेक्टेयर की वार्षिक सिंचाई भी प्रदान करेगा और लगभग 62 लाख की आबादी को पेयजल आपूर्ति की सुविधा प्रदान करेगा।
इस परियोजना के माध्यम से पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक समृद्धि को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि इससे कृषि गतिविधियों और रोजगार में वृद्धि में मदद मिलेगी।

मध्यप्रदेश के 9 जिले होंगे लाभांवित


इस परियोजना से बुंदेलखंड को फायदा मिलेगा। इसमें उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले और मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ पन्ना, छतरपुर, दमोह, सागर और दतिया जिले लाभांवित होंगे। इसके साथ ही साथ मध्य प्रदेश के शिवपुरी, रायसेन और विदिशा जिले में भी जल की आपूर्ति की जाएगी। इससे बुंदेलखंड में सामाजिक और आर्थिक विकास होगा और पेयजल की समस्या खत्म होगी साथ ही साथ ग्राउंडवाटर रिचार्ज भी होगा।

दो चरण में होगा निर्माण

फैक्ट फाइल
परियोजना लागत – 44605
सिंचाई – 10.62 लाख हैक्टेयर
किसानों को लाभ – 62 लाख
जल ऊर्जा – 103 मेगावाट जल ऊर्जा
सौर उर्जा – 27 मेगावाट

दूसरे चरण में सहायक प्रोजेक्ट


केन बेतवा लिंक परियोजना के पहले चरण में दोनों नदियों को जोडऩे का काम किया जाएगा। दूसरे चरण में सहायक प्रोजेक्ट पर काम होगा। लिंक फीडर के जरिए आसपास के जिलों को लाभ होगा।
अशोक कुमार, वरिष्ठ स्टाफ अधिकारी, परिजयोजना

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