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छतरपुर

आठ-दस वेयर हाउस में गया फंफूद वाला गेहूं, अधिकारी नहीं बता पा रहे कितना खराब

हरपालपुर रैक प्वाइंट पर गेहूं उतारने वाले पल्लेदारों का दावा है कि नर्मदापुरम से आई रैक में आधी से अधिक बोरियों में घुना व फफूंद लगा गेहूं भरा था, लेकिन मौके पर मौजूद नान के अफसरों ने उनकी शिकायत को अनसुना कर दिया।

छतरपुरJan 03, 2025 / 10:43 am

Dharmendra Singh

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खराब गेहूं

छतरपुर. गरीबों को वितरित किया जाने वाला राशन में भारी लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसमें घुना और फफूंद लगे गेहूं को राशन दुकानों पर भेजा गया। यह गेहूं नर्मदापुरम से 2600 मीट्रिक टन के रैंक के रूप में जिले में आया था, लेकिन अधिकारियों के लापरवाह रवैये के कारण यह खराब गेहूं राशन दुकानों पर वितरित कर दिया गया।
जिला कलेक्टर ने इस गंभीर मामले को लेकर अधिकारियों की घोर लापरवाही मानी और नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम और वेयरहाउस के जिम्मेदार अधिकारी अब भी मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि कितनी राशन दुकानों पर घुना और फफूंद लगा गेहूं भेजा गया और इस गेहूं की कुल मात्रा क्या थी? इसका जवाब जिम्मेदार नहीं दे पा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, जिले में लगभग 8-10 वेयरहाउस से यह गेहूं भेजा गया, जिसमें से कितने क्विंटल गेहूं में घुन और फफूंद लगा हुआ था, यह अब तक साफ नहीं हो पाया है। बीते चार दिनों से अधिकारियों के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है।

रैक का आधा गेहूं खा खराब


जिले में पीडीएस के तहत वितरण के लिए 22 दिसंबर को आई 2600 मीट्रिक टन गेहूं की रैक में से कितना गेहूं खराब था, इसे लेकर संशय बरकरार है। इस संबंध में हरपालपुर रैक प्वाइंट पर गेहूं उतारने वाले पल्लेदारों का दावा है कि नर्मदापुरम से आई रैक में आधी से अधिक बोरियों में घुना व फफूंद लगा गेहूं भरा था, लेकिन मौके पर मौजूद नान के अफसरों ने उनकी शिकायत को अनसुना कर दिया। खराब गेहूं की मात्रा अधिक होने के बाद भी नान व वेयर हाउस के अफसरों ने मामला छुपाते हुए गेहूं को राशन दुकानों में पहुंचा दिया।

हरपालपुर-महाराजपुर की दुकानों बस का उल्लेख


रैक पॉइंट से भेजे गए गेहूं के बारे में भी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है। 22 तारीख को आई गेहूं की रैक में कितनी मात्रा में घुन पाया गया था, यह भी पता नहीं चल सका। कुछ राशन दुकानों में भी घटिया गुणवत्ता का गेहूं भेजा गया था, जिनमें हरपालपुर और महाराजपुर की कुछ दुकानों का उल्लेख किया जा रहा है। लेकिन पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है। अधिकारियों के लापरवाह रवैये के कारण यह गेहूं गरीबों को वितरित किया गया, जबकि वह पूरी तरह से खराब हो चुका था। प्रशासन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और वेयरहाउस की जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि, अभी तक यह नहीं पता चल सका कि जिले में कितने वेयरहाउस और राशन दुकानों पर यह खराब गेहूं भेजा गया।
जिला कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इस मामले में सख्त कार्रवाई होगी, या इसे भी पिछले मामले की तरह दबा दिया जाएगा? क्या यह मामला भी पिछले पीडीएस चावल के मामले की तरह फाइलों में दब जाएगा, या प्रशासन इस बार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा?

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