रैक का आधा गेहूं खा खराब
जिले में पीडीएस के तहत वितरण के लिए 22 दिसंबर को आई 2600 मीट्रिक टन गेहूं की रैक में से कितना गेहूं खराब था, इसे लेकर संशय बरकरार है। इस संबंध में हरपालपुर रैक प्वाइंट पर गेहूं उतारने वाले पल्लेदारों का दावा है कि नर्मदापुरम से आई रैक में आधी से अधिक बोरियों में घुना व फफूंद लगा गेहूं भरा था, लेकिन मौके पर मौजूद नान के अफसरों ने उनकी शिकायत को अनसुना कर दिया। खराब गेहूं की मात्रा अधिक होने के बाद भी नान व वेयर हाउस के अफसरों ने मामला छुपाते हुए गेहूं को राशन दुकानों में पहुंचा दिया।
हरपालपुर-महाराजपुर की दुकानों बस का उल्लेख
रैक पॉइंट से भेजे गए गेहूं के बारे में भी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है। 22 तारीख को आई गेहूं की रैक में कितनी मात्रा में घुन पाया गया था, यह भी पता नहीं चल सका। कुछ राशन दुकानों में भी घटिया गुणवत्ता का गेहूं भेजा गया था, जिनमें हरपालपुर और महाराजपुर की कुछ दुकानों का उल्लेख किया जा रहा है। लेकिन पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है। अधिकारियों के लापरवाह रवैये के कारण यह गेहूं गरीबों को वितरित किया गया, जबकि वह पूरी तरह से खराब हो चुका था। प्रशासन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और वेयरहाउस की जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि, अभी तक यह नहीं पता चल सका कि जिले में कितने वेयरहाउस और राशन दुकानों पर यह खराब गेहूं भेजा गया।