ग्रीन कैंपस के साथ अत्याधुनिक सुविधाएं
इस मेडिकल कॉलेज का ग्रीन कैंपस होगा, जिसमें पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कई पहलुओं को अपनाया गया है। कॉलेज परिसर में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है, जिससे पानी का पुन: उपयोग किया जा सके। इसके अलावा, सोलर सिस्टम से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, ताकि बिजली की समस्या से निजात मिल सके। पूरे परिसर में हरियाली और प्राकृतिक वेंटिलेशन का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा, जिससे छात्रों और मरीजों को स्वच्छ हवा और एक आरामदायक वातावरण मिल सके।
5 साल बाद साकार होगा सपना
यह मेडिकल कॉलेज बनाने का सपना लगभग 5 साल पुराना है। 2018 में तत्कालीन भाजपा सरकार के दौरान इस कॉलेज को स्वीकृति मिली थी और 300 करोड़ रुपए के बजट का भी आवंटन किया गया था। उस समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस कॉलेज की आधारशिला रखी थी। हालांकि, सरकार बदलने के बाद इस परियोजना में कुछ समय के लिए रुकावट आई, लेकिन फिर से भाजपा के सत्ता में आने के बाद इस परियोजना को गति मिली। अब इसके निर्माण कार्य के पूरा होने और अस्पताल की स्वीकृति के बाद, मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
मेडिकल कॉलेज में होंगी ये सुविधाएं
कॉलेज परिसर में कई आधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें मुख्य बिल्डिंग, स्पोट्र्स काम्प्लेक्स, गल्र्स हॉस्टल, बॉयज हॉस्टल, प्रोफेसर क्वार्टर, रेसिडेंट डॉक्टर हॉस्टल, इंटन्र्स हॉस्टल और एक कॉमर्शियल सेंटर शामिल है। इसके अलावा, कॉलेज में नेचुरल वेंटिलेशन के लिए प्रावधान किए गए हैं और सोलर सिस्टम से बिजली की आपूर्ति की जाएगी।
1200 कर्मचारियों की होगी नियुक्ति
इस मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए लगभग 1200 कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी, जिनमें 155 टीचिंग स्टाफ (प्रोफेसर, लेक्चरर) होंगे। इसके अलावा पैरामेडिकल स्टाफ, क्लेरिकल स्टाफ और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भी नियुक्ति की जाएगी। यह मेडिकल कॉलेज जिले के स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा और छात्रों को उच्च स्तर की चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
मेडिकल कॉलेज के निर्माण संबंधी सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, और अब केवल डीन की नियुक्ति का इंतजार है। पिछले कुछ समय से बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर के डीन को अतिरिक्त चार्ज दिया गया था, लेकिन अब डीन की स्थायी नियुक्ति जून 2025 तक होने की उम्मीद है। वहीं, सितंबर 2025 के बाद कॉलेज संचालन की उम्मीद है। इस मेडिकल कॉलेज के चालू होने से छतरपुर और आसपास के इलाकों में चिकित्सा सेवाओं में गुणात्मक सुधार होगा, और विद्यार्थियों को चिकित्सा शिक्षा का एक बेहतरीन केंद्र मिलेगा। इसके साथ ही, जिले के अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होगा।