धमाका लगभग साढ़े 12 बजे हुआ
धमाका लगभग साढ़े 12 बजे हुआ, जो इतना जोरदार था कि इलाके के लोग घबरा गए और जान बचाने के लिए भागने लगे। फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों, कारीगरों और महिलाओं ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। घटना की सूचना पर हरपालपुर थाना प्रभारी टीआई पुष्पक शर्मा पुलिस बल और फायर ब्रिगेड के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और आग बुझाने की कोशिश शुरू की। लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन मलबा हटाते समय आग दोबारा भडक़ उठी। जेसीबी की मदद से मलबा हटाने के दौरान फिर से पांच फायर ब्रिगेड की टीम को बुलाकर आग पर काबू पाया गया। इस कार्रवाई में एसडीएम नौगांव विशा मघवानी, एसडीओपी चंलेश मरकाम और तहसीलदार संदीप तिवारी ने भूमिका निभाई।
वार्ड 11 में स्थित अवैध पटाखा फैक्ट्री
जानकारी के अनुसार, वार्ड 11 में स्थित यह अवैध पटाखा फैक्ट्री पुरुषोत्तम भुर्जी उर्फ छोटे गुप्ता द्वारा चलाई जा रही थी। फैक्ट्री का लाइसेंस 2011 में खत्म हो गया था, लेकिन इसके बावजूद इसका संचालन जारी था। 2016 में इसी फैक्ट्री में हुए हादसे में तीन लोगों की मौत हो चुकी थी, परंतु प्रशासन द्वारा उस हादसे के बाद भी कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई थी। इस अवैध फैक्ट्री से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया, जिसे प्रशासन ने गड्ढा खोदकर और पानी भरकर नष्ट कर दिया। फैक्ट्री में बारूद और अन्य विस्फोटक सामग्री भी पाई गई, जिसे विधिवत तरीके से नष्ट किया गया। हादसे की जांच के लिए एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैब) की टीम मौके पर पहुंची और फैक्ट्री का बारीकी से निरीक्षण कर नमूने लिए। इस हादसे के बाद अवैध पटाखा फैक्ट्री संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई चल रही है। नौगांव एसडीएम विशा मघवानी ने बताया कि मौके पर पांच दमकल और दो एंबुलेंस पहुंची थीं, लेकिन कोई मजदूर या फैक्ट्री कर्मचारी नहीं मिला।