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छतरपुर

बे हिसाब मिल रहा खदानों में इस्तेमाल होने वाला विस्फोटक, इसलिए हो रहे अनियंत्रित धमाके

खनन कारोबार के लिए प्रसिद्ध छतरपुर जिले में क्रशर उद्योग के लिए इस्तेमाल होने वाले शक्तिशाली विस्फोटक जिलेटिन रॉड का अवैध कारोबार चल रहा है। इतने शक्तिशाली विस्फोटक के इस्तेमाल करने के नियम कानून है, लेकिन जांच न होने से मनमाने तरीके से खरीद बिक्री चल रही है।

छतरपुरOct 19, 2024 / 10:24 am

Dharmendra Singh

railline

नवंबर 2022 में खदान में अनियंत्रित विस्फोट से उखड गई थी खजुराहो रेल लाइन

छतरपुर. खनन कारोबार के लिए प्रसिद्ध छतरपुर जिले में क्रशर उद्योग के लिए इस्तेमाल होने वाले शक्तिशाली विस्फोटक जिलेटिन रॉड का अवैध कारोबार चल रहा है। इतने शक्तिशाली विस्फोटक के इस्तेमाल करने के नियम कानून है, लेकिन जांच न होने से मनमाने तरीके से खरीद बिक्री चल रही है। मैगजीन में भंडारण व खरीद बिक्री के बजाए कारोबारी अपने घरों से जिलेटिन रॉड का कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में बड़े हादसे की आशंका बनी हुई है, लेकिन प्रशासन विस्फोटक के अवैध कारोबार को नजरअंदाज किए हुए है। जबकि दो साल पहले नंवबर माह में खजुराहो स्टेशन के पास पांच किलोमीटर लंबी रेल लाइन खदान में अनियंत्रित विस्फोट के कारण उड़ गई थी।

अवैध खनन में हो रहा इस्तेमाल


अवैध खनन में भारी खपत और उससे हो रहे मुनाफे के चलते जिले में विस्फोटक का अनाधिकृत कारोबार बढ़ गया है। जिले में जितनी क्षमता लाइसेंसी मैग्जीन की है, उससे कई गुना ज्यादा विस्फोटक का जिले में उपयोग हो रहा है। इनमें पटाखा लाइसेंस में केवल 10 फीसदी बारूद खर्च होता है, जबकि 90 फीसदी विस्फोटक खनन में खप रहा है। ऐसे में जिले के पठार खनन के लिए हो रहे अनाधिकृत धमाकों से सुबह से शाम तक थर्राते रहते हैं और इससे भूमिगत जल और वायु का प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। यही नहीं भूमिगत कंपन की वजह से पठारों-खदानों के आसपास के गांव और बस्तियों में घरों की नींव भी कमजोर हो रही है।

रस्म अदायगी बनी जांच


जिले में विस्फोटक पदार्थों का परिवहन और अनाधिकृत उपयोग खुलेआम जारी है। इसके बावजूद पुलिस व प्रशासन द्वारा मैग्जीन में संधारित होने वाले विस्फोटकों की नियमित जांच नहीं की जाती है। जब कभी उच्च स्तर से निर्देश जारी होते हैं तब भी केवल रस्म अदायगी के रूप में मैग्जीन का निरीक्षण कर अधिकारी जांच रिपोर्ट सौंप देते हैं। जबकि मैग्जीन द्वारा बेचे जाने वाले या उपयोग किए जाने वाले विस्फोटकों का सूक्ष्म परीक्षण किया जाए तो स्थिति कुछ और ही निकलकर आएगी।

जिलेटिन रॉड का काला कारोबार


अवैध खनन के लिए जिले में सबसे ज्यादा जरूरत जिलेटिन रॉड की होती है। बोलचाल की भाषा में इसे गुल्ला-ईडी कहा जाता है। गिट्टी खनन के लिए पठारों पर मनमाने तरीके से ड्रिलिंग कर उनमें जिलेटिन रॉड लगाकर विस्फोट किया जाता है। इससे भूमि के अंदर दबा कच्चा खनिज बाहर आ जाता है। विस्फोटक के उपयोग से मामूली खर्च में लाखों रुपए की गिट्टी का मटेरियल मिनटों मेंं उपलब्ध हो जाता है। अवैध खनन के बढ़ते कारोबार ने जिलेटिन रॉड की खपत को भी कई गुना बढ़ा दिया है और इसकी पूर्ति के लिए मैग्जीन लाइसेंसीधारक निर्धारित क्षमता से बढ़-चढकऱ इसका कारोबार कर रहे हैं। हांलाकि जिलेटिन रॉड का कारोबार लगभग बिना लिखा-पढ़ी के होता है और इसीलिए अवैध विस्फोटक की मात्रा का हिसाब ही प्रशासन तक नहीं पहुंचता।

लग्जरी गाडिय़ों यूपी हो रही सप्लाई


जिले की मैगजीनों से निकलने वाले विस्फोट नौगांव, छतरपुर के रास्ते उत्तरप्रदेश के कबरई, छतरपुर के प्रकाशबम्होगी, घटहरी, बदौराकला तक अवैध रुप से सप्लाई किया जा रहा है। विस्फोटक का अवैध कारोबार करने वाले लग्जरी गाडिय़ों के जरिए इन विस्फोटकों की सप्लाई कर रहे हैं। उत्तरप्रदेश में अवैध जिलेटिन के दाम दो से चार गुना तक मिल जाते हैं, जिससे सबसे ज्यादा सप्लाई यूपी में की जा रही है।
विस्फोटक का हो सकता है गलत उपयोग
मैग्जीनधारियों के अलावा बड़े स्तर पर विस्फोटक बेचने का काम जारी है। अंचल में कुआं खनन सहित क्रशर-खदानों में भारी मात्रा में उपयोग किए जाने वाले विस्फोटक रायसेन-विदिशा जिलों से आ रहे हैं। इन विस्फोटकों को बिना सावधानी बरते कभी बाइक पर रखकर तो कभी थैले में ले जाया जाता है।
पुलिस को जानकारी देना अनिवार्य, लेकिन पालन नहीं
हर महीने कितनी जिलेटिन छड़ें बेची है, इसका हिसाब संबंधित थाने में देना अनिवार्य है, लेकिन ऐसा होता नहीं है। कहां कितना ब्लास्ट हुआ, कितनी छड़ें बिकी, किसके खेत में विस्फोट किया, माइनिंग क्षेत्र में कौनसा ठेकेदार विस्फोट कर रहा है, इसकी जानकारी पहले से पुलिस को होना चाहिए, लेकिन ये हो नहीं रहा। अनुमति लेने के बाद भी ब्लास्ट के दौरान एंबुलेंस होना जरूरी है ताकि अनहोनी होती ही तत्काल घायलों का इलाज कराया जा सके।
इनका कहना है
खदान संचालकों को नियमों की जानकारी दी गई है। संबंधित विभाग समय समय पर जांच करते हैं। स्पेशिफिक कोई मामला सामने आएगा तो कार्रवाई की जाएगी।
अमित मिश्रा, सहायक संचालक, खनिज

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