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ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह: समय से बीमारी की पहचान से ही बच सकती है जान

अब 20-30 साल की उम्र की महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे यह बीमारी दुनियाभर में महिलाओं में मौत का एक प्रमुख कारण बन गई है।

छतरपुरOct 04, 2024 / 10:18 am

Dharmendra Singh

awaerness camp

जागरुकता कैंंप

छतरपुर. हर साल अक्टूबर माह को ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य महिलाओं में स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना है। बदलती जीवनशैली और तनावपूर्ण जीवन ने महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा दिया है। अब 20-30 साल की उम्र की महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे यह बीमारी दुनियाभर में महिलाओं में मौत का एक प्रमुख कारण बन गई है।

स्तन कैंसर जागरूकता के महत्व


ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है, जिसका सही समय पर पता और इलाज न हो तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। जागरूकता की कमी के चलते इस बीमारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसी जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से डॉ. श्वेता गर्ग और सानवी चैरिटेबल फाउंडेशन के सहयोग से ग्राम कैंडी और भगवंतपुरा के आंगनबाड़ी केंद्रों में नि:शुल्क ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता एवं कैंसर स्क्रीनिंग शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में 250 महिलाओं ने अपना परीक्षण करवाकर लाभ उठाया। शिविर में हल्की बाई (60 वर्ष), सुशीला बरार (63 वर्ष) और परमी अहीरवार (35 वर्ष) जैसी महिलाओं को महत्वपूर्ण जांच सुविधाएं गांव में ही मिलीं। इनके ब्रेस्ट या पेट में गठान और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए सैंपल लिए गए, जिससे उनकी बीमारी का समय पर पता चल सकेगा।

ये है लक्षण

  1. स्तन के आकार या आकृति में बदलाव
  2. स्तन में मटर के दाने जितनी छोटी गठान का होना
  3. स्तन या उसके आसपास अंडरआर्म में गठान का बनना
  4. स्तन या निप्पल की त्वचा का रंग बदलना
  5. स्तन या निप्पल की त्वचा का लाल होना या कठोर होना
  6. निप्पल से खून या तरल पदार्थ का निकलना
  7. निप्पल का उल्टा होना

ये है रिस्क फैक्टर और बचाव के उपाय


50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में इसका ख़तरा ज़्यादा होता है। मां या बहन में ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री होना। जीन्स में म्युटेशन होना। जल्दी मासिक धर्म शुरू होना, देर से मीनोपॉज होना, या कभी बच्चा न होना। अधिक वजन होना। शराब और धूम्रपान की आदतों से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है। बचाव के लिए वार्षिक मैमोग्राम और स्तन परीक्षण। 40 साल की उम्र से स्तनों में किसी भी बदलाव की नियमित जांच। वजन को नियंत्रित रखना और पौष्टिक आहार लेना। बच्चे को स्तनपान कराना। महिलाओं में जागरूकता फैलाकर स्तन कैंसर से बचाव संभव है।

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज


समय पर पता चलने पर ब्रेस्ट कैंसर का इलाज पूरी तरह संभव है। 35 वर्षीय महिला निवासी मैहर, जिनके दाएं स्तन में गठान थी, 2022 में डॉ. श्वेता गर्ग के पास आईं और ब्रेस्ट कैंसर का पता चलते ही उनका पूरा इलाज हुआ। अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि समय पर इलाज से स्तन कैंसर को मात दी जा सकती है। अक्टूबर माह में इस तरह की जागरूकता फैलाकर हम महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन को बचाने के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।

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