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चेन्नई

ऑक्सीजन उत्पादन के लिए वेदांता ने स्टरलाइट प्लांट फिर से खोलने की सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी

– सुनवाई के लिए राजी हुआ सुप्रीम कोर्ट

चेन्नईApr 22, 2021 / 08:34 pm

PURUSHOTTAM REDDY

चेन्नई.

कॉपर निर्माता वेदांता लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक तत्काल आवेदन दिया है, जिसमें उसने तमिलनाडु में अपने संयंत्र को फिर से खोलने की अनुमति मांगी है- जिसे पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन के लिए बंद कर दिया गया है – यह कहते हुए कि वह कोविड-19 की चपेट में आए देश को चिकित्सा ऑक्सीजन के मुक्त उत्पादन में मदद करना चाहता है।

कंपनी ने अपने बयान में कहा कि स्टरलाइट कॉपर, जिसके पास तुत्तुकुडी में देश की सबसे बड़ी ऑक्सीजन उत्पादन इकाई है, ने तमिलनाडु सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से संपर्क कर मदद की पेशकश की है। कंपनी ने देश में ऑक्सीजन की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए अपने 1,000 टन प्रतिदिन की क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट को चालू करने की मंजूरी मांगी है। इसके लिए कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की है, जिसपर शुक्रवार को सुनवाई होगी।

तमिलनाडु सरकार ने वेदांता द्वारा तुत्तुकुडी में स्टर्लिंग कॉपर संयंत्र को फिर से खोलने का विरोध किया। ये कंपनी 2018 से बंद पड़ी हुई थी। इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अब राष्ट्रव्यापी ऑक्सीजन संकट को “राष्ट्रीय आपातकाल” करार दिया है। ऐसे में कोर्ट ने कंपनी की दलील सुनने के लिए सहमति जताई है।

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना की स्थिति को लगभग “राष्ट्रीय आपातकाल” के रूप में करार दिया, जबकि तमिलनाडु में तुत्तुकुडी में अपनी स्टरलाइट कॉपर यूनिट खोलने के लिए वेदांता की दलील सुनने के लिए इस आधार पर सहमति व्यक्त की कि वह कई टन ऑक्सीजन का उत्पादन करेगी और इसे अस्पतालों को देगी, जिससे मरीजों के इलाज मुफ्त करने में मदद मिल सकेगी।

पर्यावरण मानदंडों का होगा पालन
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा वह संयंत्र द्वारा सभी पर्यावरण मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे और इसकी ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। देश में कोरोना बढऩे के साथ ही ऑक्सीजन की कमी हो रहा है। इस बेंच में जस्टिस एल नागेश्वर राव और एस रवींद्र भट भी शामिल थे। वहीं, तमिलनाडु के वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन ने कंपनी की याचिका पर आपत्ति जताई है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई
पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई सुनवाई में कहा कि लगभग एक राष्ट्रीय आपातकाल है और तमिलनाडु समाधान में प्रवक्ता नहीं लगाते हैं। कोर्ट ने कहा कि वह वेदांत की याचिका कल सुनेंगा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि देश को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है और केंद्र लगातार ऑक्सीजन बढ़ा रहा है। वेदांत अपने संयंत्र को चालू करना चाहता है, लेकिन वेदांत ने इसे केवल स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन बनाने के लिए चालू किया है।

जीवन रक्षा के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट
मेहता ने कहा, “पर्यावरण की रक्षा और मानव जीवन की रक्षा के बीच, हमें मानव जीवन की रक्षा के पक्ष में झुकना चाहिए। वेदांत की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने दिन के दौरान ही याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की और कहा कि लोग दैनिक आधार पर मर रहे हैं और हम कोरोना मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन का उत्पादन और आपूर्ति कर सकते हैं।

 

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