प्रोफेसर और राजनीतिक विश्लेषक पी रामजयम ने कहा, अब राजनीति भाजपा के विकास के मुद्दे पर केंद्रित हो गई है। ऐसे में डीएमके के सहयोगी 2016 की तरह अडिग नहीं हो सकते। क्योंकि भाजपा की राजनीति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए डीएमके के सहयोगी इतने विशेष नहीं हो सकते हैं। डीएमके के साथ गठबंधन की वार्ता विफल होने के बाद डीएमडीके प्रमुख विजयकांत ने एमएनके के साथ गठजोड़ करने का फैसला किया था। उधर वीसीके एवं एमडीएमके ने मांग की है कि वे डीएमके के उगते सूरज के चुनाव चिन्ह की बजाय खुद की पार्टी के चिन्ह पर लडेगी।
डीएमके के टीकेएस इलंगोवन ने कहा कि इस मामले को सुलझा लिया जाएगा और गठबंधन के लिए प्राथमिकता एआईएडीएमके को सत्ता से हटाने की रहेगी। उन्होंने कहा कि यह उनका अधिकार है कि वे अपने प्रतीक पर चुनाव लड़ें। वे पहले भी अपने सिंबल पर चुनाव लड़ चुके हैं। कभी-कभी वे हमारे दल के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ते हैं।
……………….