IAS अत्रे के खिलाफ जारी है CBI जांच, नहीं मिलेगी मिलेेगी VRS
हरियाणा ने दी क्लीन चिट, केंद्र ने लटकाई फाइल, चंडीगढ़ आईटी पार्क मामले में चल रही है जांच
CBI probe against IAS vivek
चंडीगढ़। तय समय सीमा सेे करीब दस वर्ष पहले वीआरएस के लिए आवेदन करने वाले हरियाणा के चर्चित आईएएस अधिकारी विवेक अत्रे को अभी वीआरएस नहीं मिलेगी। केंद्र सरकार ने उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया है। हालांकि हरियाणा सरकार ने विवेक अत्रे के आवेदन को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के पास भेज दिया था लेकिन वहां उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया। अत्रे के खिलाफ यह फैसला एक मामले में सीबीआई जांच लंबित होने के चलते लिया गया है।
अत्रेय 2005 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वीआरएस के लिए आवेदन करने के दौरान वे उद्योग विभाग के निदेशक पद पर थे। विवेक अत्रे हरियाणा के चर्चित आई.ए.एस. अधिकारियों में से एक रहे हैं। हरियाणा सरकार द्वारा इस साल मार्च माह के दौरान करवाई गई इनैस्टर मीट विवेक अत्रे के निर्देशन में संपन्न हुई थी।
इस कार्यक्रम के बाद से ही विवेक अत्रे अवकाश पर चल रहे थे। अवकाश की अवधि के दौरान ही उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन करके सभी को चौंका दिया था। वीआरएस के लिए आवेदन के बाद से ही वह न केवल अवकाश पर चल रहे थे बल्कि चंडीगढ़ में उन्होंने समान विचारधारा वाले लोगों के साथ मिलकर एक संगठन भी खड़ा किया था। जिसके बैनर तले उन्होंने कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया।
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय मंत्रालय ने अत्रेय की वीआरएस पर रोक लगा दी है। बताते हैं कि चंडीगढ़ स्थित राजीव गांधी आईटी पार्क की स्थापना को लेकर चल रही सीबीआई जांच के चलते उनकी वीआरएस रोकी गई है। हालांकि राज्य सरकार द्वारा अत्रेय को क्लीन-चिट दी जा चुकी है।
दूसरी तरफ राज्य सरकार का यह भी कहना है कि अत्रेय की वीआरएस का मामला फिर से केंद्र को भेजा गया है। उम्मीद है कि पंद्रह-बीस दिनों में इसकी मंजूरी मिल जाएगी। इस बीच प्रदेश सरकार ने अत्रेय को मॉनिटरिंग एवं कार्डिनेशन विभाग का सचिव नियुक्त कर दिया है। सोमवार को ही उनके नियुक्ति आदेश जारी किए गए। इससे पहले वीआरएस पर रोक की सूचना के बाद अत्रेय ने मुख्य सचिव कार्यालय में अपनी ज्वानइिंग रिपोर्ट दे दी थी।
वीआरएस के लिए आवेदन करने के बाद से ही वे अवकाश पर चल रहे थे। इसी दौरान जब केंद्रीय मंत्रालय ने वीआरएस पर सीबीआई जांच के चलते रोक लगा दी तो उन्होंने सरकार को फिर से अपनी ज्वानिंग रिपोर्ट दे दी।
सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) में कार्मिक, प्रशिक्षण एवं विजिलेंस की सचिव नीरजा शेखर से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा च्अत्रेय की वीआरएस का मामला केंद्र को भेजा गया है। जल्द ही वहां से मंजूरी मिलने की उम्मीद हैज्। वहीं विवेक अत्रेय का कहना है कि उन्होंने अपनी मर्जी से आईएएस सेवाएं छोडऩे का फैसला लिया है। अत्रेय केंद्र सरकार के पैनल पर भी हैं। जिसके तहत वह नवचयनित अधिकारियों को सुशासन के लिए ट्रेंड भी करते हैं। इंडो-फ्रैंच चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ भी वे जुड़े हुए हैं। इसके तहत वे लीडरशिप व मोटिवेशन जैसे कार्यक्रमों में प्रशिक्षण भी देते हैं।
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