स्पीकर ने कहा, प्रश्नकाल को हंगामा काल घोषित कर दें
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल शुरू होते ही सूचना के माध्यम से बीजेपी विधायक भानू प्रताप शाही ने युवाओं को रोजगार का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने चार साल के कार्यकाल में सिर्फ 800 नियुक्ति की है। राज्य के युवा सड़कों पर हैं। नियोजन नीति स्पष्ट नहीं है। चार साल से 7000 नियुक्ति लटकी है। इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए। इसके बाद बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने हंगामा कर रहे बीजेपी विधायकों को काफी समझाने की कोशिश की। लेकिन इसके बावजूद हंगामा शांत नहीं हुआ। जिससे नाराज विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि माहौल देखकर ऐसा लग रहा है कि प्रश्नकाल को हंगामा काल घोषित कर देना चाहिए।
निलबंन का सिलसिला रहा जारी
विपक्ष के हंगामे की वजह से विधानसभा अध्यक्ष ने 11.25 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर फिर से बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही बाधित करने का हवाला देकर बीजेपी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण, सचेतक जेपी पटेल और विधायक भानू प्रताप शाही को सस्पेंड कर दिया।
विधानसभा की कार्यवाही भोजनावकाश दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दोपहर 2 बजे जब सदन की बैठक शुरू हुई तो इस दौरान अनुपूरक बजट पर चर्चा हुई। हालांकि इस दौरान भाजपा विधायक सदन से अनुपस्थित थे।
झारखंड को नहीं मिल रही राशि: सोनू
जेएमएम के सुदिव्य सोनू ने अनुदान मांगों के समर्थन में कहा कि केंद्र के रवैये के चलते राज्य सरकार को ऐसा करना पड़ रहा है। केंद्र के पास एक लाख 36 हजार करोड़ बकाया है। पैसे की मांग पर 200 करोड़ रुपये ही दिए गए। पीएम आवास के लिए 2021 से झारखंड को पैसे नहीं मिल रहे। 2022 में तो झारखंड का कोटा काट कर 1 लाख 44 हजार आवास यूपी को दे दिया गया। ऐसे में राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से 8 लाख अबुआ बनाने का लक्ष्य तय किया है। 1932 के खतियान आधारित नीति के मसले पर सदन से विधेयक राजभवन भेजा गया। राजभवन से संदेश के साथ इसे लौटा दिया गया। पर यहाँ की जनता देखेगी कि 1932 के खतियान पर कौन दल किधर है। कल का दिन इस विधेयक पर ऐतिहासिक होगा और सबके चेहरे से नकाब हटेगा।