स्पेस साइंस या स्पेस टेक्नोलॉजी बहुत बड़ा क्षेत्र है। इसके तहत एस्ट्रोनॉमी व एस्ट्रोफिजिक्स, प्रामेट्ररी एटमॉस्फियर और एयरोनॉमी, अर्थ साइंसेस और सोलर सिस्टम की पढ़ाई की जाती है। स्पेस साइंस की कई सब-ब्रांचेज होती हैं। इनमें कॉस्मोलॉजी, स्टेलर साइंस, प्लेनेटरी साइंस, एस्ट्रोनॉमी, एस्ट्रोलॉजी आदि शामिल हैं। अंतरिक्ष विज्ञान में करियर बनाने के लिए सबसे पहले आपको 11वीं कक्षा में गणित विषय लेना होगा, 12वीं गणित में उत्तीर्ण करने के बाद आपको बीएससी की डिग्री लेनी होगी, जहां आपके विषयों में फिजिक्स एवं गणित होना जरूरी है। साइंस से स्नातक होने के बाद आप एस्ट्रोनॉमी थ्योरी या एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेशन आदि कोर्स चुन सकते हैं।
जॉब ऑप्शन
स्पेस साइंटिस्ट
क्वालिटी एश्योरेंस स्पेशलिस्ट
जियोलॉजिस्ट
एस्ट्रोफिजिसिस्ट
मैटेरियोलॉजिस्ट
रडार टेक्नीशियन
कोर्स
बी.टेक इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
बी.टेक एवियोनिक्स इंजीनियरिंग
बी.टेक+एम.एस./एम.टेक
यहां से कर सकते हैं कोर्स
बीके बिड़ला कॉलेज ऑफ आर्ट्स साइंस एंड कॉमर्स
रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट बैंगलोर
भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर
डियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, बैंगलोर
स्पेस सांइस या स्पेस टेक्नोलॉजी एक बहुत बड़ा क्षेत्र है, जिसमें आप अपना कॅरियर बना सकते हैं, इसके तहत एस्ट्रोनॉमी व एस्ट्रोफिजिक्स प्रामेट्ररी और एयरोनॉमीए अर्थ साइंसेस और सोलर सिस्टम की पढ़ाई होती है, आज के समय में स्पेस साइंस की कई सब ब्रांच है, जिसमें कॉस्मोलॉजी, स्टेलर साइंस, प्लेनेटरी साइंस, एस्ट्रोनॉमी, एस्ट्रोलॉजी आदि शामिल है। आपको बतादें कि साइंस और इंजीनियरिंग की ये शाखाएं ही अंतरिक्ष के चारों तरफ घूमती रहती हैं। इसलिए अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए आपको 11 वीं कक्षा से ही गणित लेना होगा, 12 वीं में गणित से पास होने के बाद आपको बीएससी की डिग्री लेनी होगी। साइंस से स्नातक होने के बाद आप एस्ट्रोनॉमी में थ्योरी या एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेशन कोर्स चुन सकते हैं। मास्टर डिग्री के बाद विशिष्ट कोर्सेज में प्रवेश लिया जा सकता है।
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