एक डाटा के मुताबिक, साल 2022 में भारत के कुल 7.50 लाख छात्रों ने पढ़ाई के लिए विदेश का रुख किया। विदेश में सभी शैक्षणिक पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए कोर्सेज उपलब्ध हैं। हालांकि, इसके लिए छात्रों को निर्धारित मानकों को पूरा करना होता है। विदेश में पढ़ाई करने के लिए कई प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं, जिन्हें पास करना जरूरी है। इन परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करने के बाद आपको छात्रवृत्ति और अन्य तरह की वित्तीय सहायता मिलती है।
12 वीं की परीक्षा पास करने के बाद ज्यादातर छात्र GRE (Graduate Record Examinations) के लिए अप्लाई करते हैं। इस परीक्षा में सामान्य ज्ञान, गणित और मौखिक टेस्ट लिया जाता है। यह परीक्षा अमेरिका स्थित एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विसेज द्वारा आयोजित की जाती है। इसका कंप्यूटर आधारित संस्करण भारत में उपलब्ध है।
वहीं जिन छात्रों को 12वीं के बाद विदेश से एमबीए करना है, उन्हें GMAT (Graduate Management Admission Test) की तैयारी करनी होगी। इस परीक्षा की मदद से आपको विदेशों के बिजनेस कॉलेज (Business Colleges In Abroad) में प्रवेश मिल जाएगा। किसी अच्छे विश्वविद्यालय में एडमिशन पाने के लिए आपको 700 अंक हासिल करने होंगे।
विदेशों में पढ़ाई करने के लिए आप स्कॉलस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (Scholastic Aptitude Test) अथवा SAT भी दे सकते हैं। यह परीक्षा अमेरिका के कॉलेज बोर्ड द्वारा ली जाती है और साल में 7 बार आयोजित होती है। SAT परीक्षा अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर, जनवरी, मार्च, मई, जून में आयोजित होती है।
यदि किसी छात्र को विदेश से लॉ की पढ़ाई करनी है तो उन्हें LSAT (Law School Admission Test) की परीक्षा देनी होती है। इस परीक्षा के जरिए आपको संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के अंदर कानून में अपना करियर बनाने में मदद मिलेगी।
ऐसे भारतीय विद्यार्थी जिन्हें चिकित्सा में अपना भविष्य बनाने का मन हो वो MCAT दें। MCAT ( Medical College Admission Test) एक बहुविकल्पीय परीक्षा है जो छात्रों की योग्यता और ज्ञान का मूल्यांकन करती है।