अब नहीं लटकेगी सिर पर खतरे की तलवार! चुनें ये 10 Career Courses और रहें बेफ्रिक, AI आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी
Safe Career Courses In The World Of AI: AI ने कई लोगों की जॉब को खतरे में डाल दिया है। ऐसे में अगर आप भी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं तो ये खबर काम की है। हम आपको बताएंगे ऐसी 10 नौकरी के बारे में जहां AI की नहीं बल्कि स्किल्स की जरूरत पड़ेगी।
Safe Career Courses In The World Of AI: ये बात सच है कि विज्ञान और तकनीक की तरक्की से हमारा जीवन सुविधाजनक हुआ है। लेकिन इसके कई नुकसान भी हैं। रोजगार की बात करें तो विज्ञान और तकनीक ने कितनों की जॉब छीनी है। प्राइवेट सेक्टर में AI के आने के बाद से भारी मार पड़ी है। तकनीक में हर दिन कोई न कोई बदलाव हो रहा है। ज्यादातर लोग अपने काम के लिए तकनीक पर निर्भर करते हैं। ऐसे में बाजार में AI की मांग बढ़ रही है और नौकरियां कम हो रही है। इन हालात में युवाओं का नौकरी के लिए चिंतित होना लाजिमी है। लेकिन कई ऐसे सेक्टर हैं, जहां अभी AI की पहुंच नहीं है।
अगले 5-10 सालों में भी AI कुछ सेक्टर्स में पहुंच नहीं बना पाएगा। वहीं कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां उम्दा मशीन और तकनीक के बाद भी ह्यूमन स्किल्स की जरूरत पड़ेगी। अगर आप भी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं तो ऐसे क्षेत्र के लिए खुद को तैयार करें। आइए, जानते हैं ऐसी 10 नौकरी के बारे में-
थेरपी फिजिकल और मेंटल, दोनों तरह की होती है। थेरपिस्ट और काउंसलर को अपने मरीज के साथ इमोशनल बॉन्डिंग स्थापित करनी होती है, जोकि कभी भी मशीन नहीं कर पाएगा। ऐसे में इस क्षेत्र में AI का कोई इस्तेमाल नहीं है।
कलाकार
हर किसी में कोई न कोई कला जरूर होती है जैसे कोई गाता अच्छा है, कोई डांस करने में निपुण होता है या कई लोग शानदार लिखते हैं। आपके भीतर भी कोई न कोई कला छिपी होगी, उसे पहचानने की जरूरत है। आप अपनी स्किल्स के आधार पर कोर्स कर सकते हैं। अगले 5-10 सालों में AI कला क्षेत्र को प्रभावित नहीं कर सकता।
वकील और जज
कानून एक ऐसा क्षेत्र है, जहां तकनीक से मदद ली जा सकती है। लेकिन काम नहीं कराया जा सकता है। वकीलों को न सिर्फ किसी केस से जुड़े फैक्ट्स कोर्ट में जमा करने होते हैं, बल्कि क्लाइंट का ट्रस्ट भी जीतना होता है। इसी तरह से जज की जिम्मेदारी होती है कि वे सभी पक्ष को सुनकर सही फैसला सुनाएं।
किसी भी तरह की स्ट्रैटेजी तैयार करने के लिए एआई की मदद ली जा सकती है। लेकिन हाई लेवल स्ट्रैटेजी यानी एनालिसिस के काम के लिए इंसानी दिमाग की जरूरत पड़ती है। इंसानों जैसी दूरदर्शिता फिलहाल एआई में मिलना मुश्किल है।
साइंटिस्ट
शोध के काम में भी इंसानी दिमाग की जरूरत पड़ती है। ऐसे में यदि आप साइंटिस्ट बनते हैं तो आपकी नौकरी पर खतरा होने का सवाल ही नहीं बनता। मौजूदा समय में देश व दुनिया में साइंटिस्ट की डिमांड बढ़ गई है।
शिक्षक
कोरोनाकाल के बाद से शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक ने अहम भूमिका निभाई है। बच्चे और शिक्षक ऑनलाइन क्लासेज से जुड़े। वहीं अब छात्र होमवर्क बनाने में AI की मदद लेने लगे। लेकिन यह ऐसा क्षेत्र नहीं जहां पूरी तरह से कंट्रोल किसी AI को दिया जाए। जब छात्र किसी चीज को समझ नहीं पाते तो शिक्षक उनकी मन की स्थिति को समझकर उन्हें सरल शब्दों में समझाने की कोशिश करते हैं। हालांकि, ये AI या रोबोट द्वारा संभव नहीं है।
कस्टमर सर्विस से जुड़े क्षेत्रों में एआई का थोड़ा इस्तेमाल होने लगा है। लेकिन यहां एआई को मुख्य जिम्मेदारी नहीं सौंपी जा सकती है। कुछ मामलों में शिकायतकर्ता ह्यूमन से बात करने की ही डिमांड करते हैं।
हेल्थकेयर प्रोफेशनल (Career Courses)
वहीं बात करें हेल्थकेयर प्रोफेशनल तो यहां पूरी तरह से एआई का कब्जा कभी नहीं हो सकता। AI डॉक्टर की सहायता कर सकता है, लेकिन मरीजों के साथ पर्सनल रिलेशन बनाने और उनकी स्थिति का आकलन नहीं कर सकता।
पत्रकार समाज में अहम हिस्सा होते हैं। वे न हमें सिर्फ खबर दिखाते हैं बल्कि सरकार की कमियों व हितकारी नीतियों के बारे में भी बताते हैं। ये समाज और सरकार व अन्य प्रमुख विभागों के बीच पुल का काम करते हैं। ऐसे में AI यहां भी फेल है।
प्रोफेशनल एथलीट
कला जगत की तरह खेल जगत में भी AI का कोई रोल नहीं है। ऐसे में अगर आप क्रिकेट, बास्केटबॉल, हॉकी, फुटबॉल, आर्चरी, बेसबॉल, थ्रोबॉल, जैवलिन थ्रो, बॉक्सिंग जैसे खेलों में पारंगत हैं तो आपका करियर सेट हो सकता है।