टायर ब्लास्ट के पीछे ये हैं कारण
इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के मुताबिक टायर्स में 25PSI से ज्यादा हवा नहीं होनी चाहिए, लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि गाड़ी कौन सी है। हर कंपनी हर गाड़ी के हिसाब से हवा डलवाने को बोलती है लेकिन भारत में लोग गाड़ी में ज्यादा माइलेज के चक्कर बिना जानें टायर्स में 35-40 PSI तक हवा डलवाते हैं। अब ज्यादा हवा डलवाने से टायर्स के अन्दर प्रेशर बनता है और जब गाड़ी गर्मी में हाईवे पर लगातार चलती है रहती है तब यह प्रेशर और भी ज्यादा बढ़ जाता है जिसकी वजह से टायर फटने यानी फट जाता है। इसलिए हमेशा गाड़ी के सभी टायर्स में उतनी ही हवा डलवानी चाहिये जितना कंपनी ने बताया है, और अगर आपको इसलिए जानकारी नहीं है तो आप सिर्फं 25-30PSI से ज्यादा हवा टायर्स में नहीं डलवायें। गर्मी में कोशिश कीजिये कि टायर्स में निर्धारित PSI से कम हवा डलवाएं, ऐसा करने से टायर्स के फटने की आशंका काफी कम हो आएगी, और आप सुरक्षित ड्राइव का मज़ा ले सकेंगे।
खतरनाक है ओवरलोडिंग करना
कार में ओवरलोडिंग करने बचें। गाड़ी में उतना ही सामान रखें जितना उसकी कैपेसिटी है। क्योंकि ज्यादा लोड करने से गाड़ी की परफॉरमेंस और टायर्स पर बुरा असर पड़ता है। और यदि टायर्स थोड़े खराब हुए तो इनके फटने के चांस बढ़ जाते हैं। इसलिए फालतू का सामान रखना आज से ही बंद करें।
बदल दें पुराने टायर्स
यह अक्सर देखने में आता है कि लोग खराब और घिसे हुए टायर्स के साथ सफ़र करते हैं, कुछ पैसे बचाने के चक्कर में लोग ऐसा करते हैं, जबकि आपको बता दें कि ऐसे टायर्स पंचर ज्यादा होते हैं और जल्दी गर्म होने की वजह से फट जाते हैं। इसलिए गर्मी में तो जरूर खराब टायर्स को तुरंत बदलवा लें वरना बाद में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
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कब बदलें टायर्स
एक टायर को लाइफ करीब 40,000 किलोमीटर तक होती है लेकिन लोग इससे भी ज्यादा चलाते हैं, सही मायनों में अगर टायर 40 हजार से ज्यादा किलोमीटर तक चल गया है तो यूज़ तुरंत बदलने की कोशिश जरूर करें। वाहन नियमों के की मानें तो, टायर पर बने खांचे (ट्रेड) की गहराई 1.6 मिमी रह जाए तो टायर बदल दिया जाना चाहिए। टायर्स उम्र पांच साल होती है।
जरूरी टायर्स की देखभाल
कार हो या बाइक हफ्ते में एक बार टायर्स में हवा का प्रेशर जरूर चेक करवा लें, कम हवा या ज्यादा हवा से भी टायर्स के साथ गाड़ी को नुकसान होता है। इससे माइलेज पर भी बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा हर 5000 किलोमीटर के बाद व्हील अलाइनमेंट चेक कराते रहना चाहिए। टायर साफ करने के लिए पेट्रोलियम बेस्ड डिटरजेंट या केमिकल क्लीनर का प्रयोग न करें। पानी से टायर्स को साफ किया जा सकता है।