आप सेकंड हैंड कार खरीद रहे हैं और जाहिर सी बात है बिल्कुल अच्छी कार ही खरीदना चाहेंगे जो चमकती हुई हो, लेकिन कई बार क्या होता है। सेकंड हैंड डीलर पर ही कार में छोटी-मोटी चोट लग जाती हैं, जिन्हें डीलर खुद रिपेयर करके बेच देते हैं। वैसे तो सेकंड हैंड कार है तो नई जैसी नहीं होगी, लेकिन आप ऐसी कार भी नहीं लेना चाहेंगे जो एक्सीडेंट हुई हो और आपको बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगेगा। इसके लिए आपको कार को खरीदने से पहले उसे ठीक प्रकार से चेक कर लीजिए।
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सिर्फ 3.4 लाख में मिल रही है सात लाख वाली Swift Dzire, ऐसा ऑफर नहीं मिलेगा दोबारा आप सेकंड हैंड कार खरीदने किसी डीलर पर गए हैं या उस व्यक्ति के घर पर गए हैं और आपने उसे देखने से पहले ही अगर कागजों पर साइन कर दिए तो वो कार अापके नाम हो जाएगी। इससे अच्छा है कार को पहले देख परख लीजिए और उसके बाद फिर कागजी काम कीजिए। कार मालिक के सामने ही कार की अच्छे से जांच परख कर लीजिए।
कार का ओडोमीटर काम कर रहा है और उस पर देखिए की कार कितनी ज्यादा चली हुई है। कार के टायर चेक कर लीजिए कि ज्यादा घिसे हुए तो नहीं है। ठीक से रोशनी के बीच पूरी बॉडी को देखिए। पेंट को देख लीजिए कि असली है या नकली पेंट है। कार पर लगे डेंट को पेंट के जरिए छिपाया जाता है। बोनट खोल कर चेसी और इंजन नंबर चेक कीजिए। कार की सभी लाइट्स, म्यूजिक सिस्टम, एसी, स्टीरियरिंग और हॉर्न को चेक कीजिए। कार को खरीदने से पहले एक बार किसी मैकेनिक को साथ ले जाकर पूरी जांच करवा लीजिए और टेस्ट ड्राइव करके ही कार खरीदिए।