दूसरी ओर हुंडई ऑरा एक कॉम्पैक्ट सेडान है, जो मारुति सुजुकी डिजायर, टाटा टिगोर और इस सेगमेंट के अन्य लोगों को टक्कर देती है, जो कि Nios के प्लेटफॉर्म पर आधारित है। कार में उसी इंजन का इस्तेमाल किया गया है जो कि Nios में मिलता है, इन दोनों कारों के स्पेसिफिकेशंस भी काफी हद तक एक समान हैं। हालांकि कंपनी ने इस बारे में कोई भी आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है कि, आखिर इन कारों को डिस्कंटीन्यू क्यों किया गया है। लेकिन जानकारों का मानना है कि, इसके पीछे खराब बिक्री एक प्रमुख कारण हो सकता है।
बताते चलें कि, ये दोनों कारें इस समय पेट्रोल इंजन और CNG किट के साथ बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। Grand i10 Nios की कीमत 5.39 लाख रुपये से लेकर 8.02 लाख रुपये के बीच है और इसका पेट्रोल वेरिएंट 20 किलोमीटर प्रतिलीटर तक का माइलेज देता है। वहीं दूसरी ओर Aura भी पेट्रोल इंजन और सीएनजी वेरिएंट में आ रही है, इस कार की कीमत 6.09 लाख रुपये से लेकर 8.87 लाख रुपये के बीच है।
आमतौर पर छोटी कारों में डीजल वेरिएंट्स की डिमांड लगातार कम होती नज़र आ रही है। क्योंकि पेट्रोल और डीजल फ़्यूल की कीमतों में अब बहुत ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। दूसरी ओर डीजल वेरिएंट्स पेट्रोल के मुकाबले काफी महंगे भी होते हैं। इसके लिए कार खरीदते समय ग्राहकों को बड़ी रकम तो खर्च करनी ही होती है, साथ ही इसका मेंटनेंस भी महंगा है।
इसके अलावा डीजल कारें प्रदूषण भी ज्यादा करती हैं। डीजल कारों की लोकप्रियता का प्रमुख कारण डीज़ल फ्यूल का सस्ता होना और इनका माइलेज ही हुआ करता था। लेकिन अब न तो ईंधन की कीमत कम रह गई है और दूसरी ओर पेट्रोल वेरिएंट्स भी बेहतर माइलेज दे रहे हैं।