कार में लगे हुए एयरबैग्स कॉटन के बने होते हैं, जिनपर सिलिकॉन कोटिंग की जाती है। एयरबैग्स स्टीयरिंग व्हील, रूफ, डोर और डैशबोर्ड जैसी अलग-अलग जगहों पर होते हैं। जैसे ही कार की टक्कर होती है वैसे ही कार में लगे एयरबैग्स फूल जाते हैं और उनमें नाइट्रोजन गैस भर जाती है।
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एक्सीडेंट के दौरान जब कार की टक्कर होती है तो एयरबैग्स खुलते हैं। इसके लिए जब टक्कर होती है तो कार का एक्सीलेरोमीटर सर्किट एक्टिव होकर इलेक्ट्रिकल करंट पैदा करता है, उसके बाद सेंसर से एयरबैग को सिग्नल मिलता है और एयरबैग 1/20 सेकंड में लगभग 320 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से फूलता है। अगर यात्री सीटबेल्ट पहनकर कार में यात्रा कर रहे हैं तभी एयरबैग्स खुलते हैं, क्योंकि एयरबैग्स और सीटबेल्ट का सीधा-सीधा संबंध है।
एयरबैग्स का खास ख्याल रखना जरूरी है…
अगर आपकी कार का एयरबैग खराब हो गया है या खुल गया है तो उसे किसी अधिकृत डीलरशिप से ही ठीक करवाएं। वैसे तो एयरबैग्स लगाते वक्त काफी अच्छी टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की जाती है, लेकिन समय के अनुसार एयरबैग्स की जांच करवाते रहना चाहिए।