द अर्जुन मार्क 2 टैंक ( The Arjun mark 2 Tank )
ये टैंक देश के सबसे पावरफुल टैंकों में से एक है, इसे भारत में ही तैयार किया गया है और इसमें खास टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की गई है। इस टैंक में ऑटोमैटिक टारगेट लोकेटिंग फीचर दिया गया है जो कि दुश्मन की गतिविधियों को ट्रैक करने का काम करता है। इस टैंक में सर्वाइवल किट है जो इसे हर परिस्थिति से बचाती है। इस टैंक का कुल वजन लगभग 58.5 टन है।
टी-72बी एआरवी टैंक ( T-72B ARV Tank )
इस टैंक को 2001 में Czechoslovakia से खरीदा गया था। इस टैंक में 12.7 एमएम एंटी एयरक्राफट मशीन गन दी गई है जो एक बार में 300 राउंड से ज्यादा फायर करती है। 1500 मीटर की रेंज में ये टैंक आसानी से अपने लक्ष्य को भेद सकता है। इस टैंक में 7.62 एमएम की सब मशीन गन भी दी गई है। इस टैंक को जेडटीएस मार्टेन एनसी ने बनाया है और इसका कुल वजन 45.8 टन है। इस टैंक को दूसरे टैंक को टो करने लिए बनाया गया है।
के-9 वज्र टैंक ( K-9 Vajra Tank )
के9 वज्र-टी 155 एमएम ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड तोप प्रणालियों की 100 यूनिट्स को पूरा करता है। भारत ने इस टैंक को 4.5 हजार करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट पर लिया था।
टी 72 एम अजेय मार्क.1 टैंक ( T72M Ajeya Mark.I Tank )
ये भारत के सबसे बढ़िया और पुराने टैंकों में शामिल है। इस टैंक को भारतीय सेना ने 1979 के युद्ध में इस्तेमाल किया गया था और इसने दुश्मनों को पूरी तरह खत्म कर दिया था। आज तक भारत इस टैंक को अपने साथ रखता है और लड़ाई में इस्तेमाल करता है। इस टैंक का कुल वजन 18.8 टन है और इसमें डीजल इंजन दिया है।
टी-90एस भीष्म टैंक ( T-90S Bhishma Tank )
भारत ने इस टैंक को 2001 में रुस से खरीदा था और ये भारत के सबसे पावरफुल टैंकों में से एक है। भारत को टैंक को देश में बनाने का लाइसेंस 2004 में मिला था। ये देखने में बिल्कुल रूसी टैंक की तरह दिखता है। इस टैंक में पावरफुल इंजन के साथ कई खास सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं और इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। इस टैंक में 2A46M 125 एमएम स्मूथबोर गन, नेटवर्क जैमिंग, थरमल स्लीव, मज्जल डिटेकटर और सेकेंडरी मशीन गन जैसी टेक्नोलॉजी दी गई है। इस टैंक का कुल वजन 45 टन है।