कई महीनों से घट रही है बिक्री-
ऑटोमोबाइल (automobile ) सेक्टर में कई महीनों से बिक्री लगातार घट रही है फिर चाहे वो कमर्शियल वाहन हों या पैसेंजर। स्कूटर की बिक्री तो अप्रैल 2019 में 18 साल स्तर के निचले स्तर पर पहुंच गई है, वहीं पैसेंजर वाहनों की बिक्री भी लगातार गिरती जा रही है।
ऑटो कंपोनेंट उद्योग में गिरावट-
ऑटो कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) के प्रेसिडेंट राम वेंकटरमानी का कहना है कि वाहन उद्योग भारी मंदी का सामना कर रहा है। ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री की वृद्धि पूरी तरह से वाहन उद्योग पर निर्भर करती है और फिलहाल जैसे हालात चल रहे हैं उसकी वजह से व्हीकल प्रॉडक्शन में 15 से 20 प्रतिशत की कटौती हुई है, जिससे कंपोनेंट इंडस्ट्री के सामने संकट खड़ा हो गया है।
वेंकटरमानी ने कहा, ‘‘यदि यही रुख जारी रहता है तो करीब 10 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं। कुछ स्थानों पर छंटनी का काम शुरू भी हो चुका है।’’देश में वाहनों के कम्पोनेंट (कलपुर्जे) बनाने के सेक्टर में करीब 50 लाख लोग काम करते है तथा देश की जीडीपी में यह सेक्टर 2.3 फीसदी का योगदान देता है।
Bajaj CT110 भारत में लॉन्च, एक लीटर में देती है 104 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज
GST कम करने की हो रही है मांग- ACMA ने बुधवार को वाहन क्षेत्र के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की दर एक समान 18 प्रतिशत करने का अनुरोध किया है। ACMA का कहना है कि ऐसे होने से कई लोगों की नौकरियां बचाई जा सकती हैं।
सरकार के हस्तक्षेप से बन सकती है बात- दरअसल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से रिलेटेड कई सारे बड़े बदलाव है जो 2020 तक आने हैं जिसके चलते इस इंडस्ट्री में अनिश्चितता का माहौल है। इस वजह से भविष्य के सभी निवेश रुक गए हैं। सरकार की ओर से तत्काल हस्तक्षेप किए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है।