इसे लेकर बैंक और आरबीआई लगातार अपने ग्राहकों को सतर्क करता रहता है। ग्राहकों को किसी तरह की जानकारी या ओटीपी शेयर करने से बचने का सुझाव देता है। किसी तरह की ऑनलाइन ठगी होने पर बैंक को सूचना देने की सलाह दी जाती है। इस तरह से आपका नुकसान कम होता है।
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कैसे मिलेंगे पूरे पैसे वापस?
अधिकतर लोगों के मन में यह सवाल उठते हैं कि अगर ऐसा कोई ट्रांजेक्शन हुआ है तो पैसे कैसे वापस मिलेगा? इसके साथ ही बैंक खाते से पैसे निकलने पर शिकायत की गई तो बैंक पैसे कहां से लौटाएगा।
गौरतलब है कि बैंकों की तरफ से ऐसे साइबर फ्रॉड को लेकर इंश्योरेंस पॉलिसी ली जाती है। बैंक आपके साथ हुए फ्रॉड की सारी जानकारी सीधे इंश्योरेंस कंपनी को बताता है। इंश्योरेंस के पैसे से बैंक आपके नुकसान की भरपाई करता है। साइबर फ्रॉड से बचने को लेकर इंश्योरेंस कंपनियां भी लोगों को सीधे कवरेज दे रही हैं।
फ्रॉड होने के 3 दिन में करें शिकायत
अगर किसी के साथ कोई फ्रॉड हुआ है तो आपको तीन दिनों के अंदर इस मामले के बारे में बैंक को शिकायत करनी होगी। इस तरह से आपको नुकसान नहीं उठाना होगा। rbi के अनुसार निर्धारित समय में बैंक को सूचना दे देने पर ग्राहक के खाते से धोखाधड़ी के जरिए निकाली गई रकम 10 दिन के अंदर उसके बैंक खाते में वापस पहुंच जाएगी। आरबीआई के अनुसार अगर बैंक खाते से हुई धोखाधड़ी की रिपोर्ट 4-7 दिन बाद भी होती है तो ग्राहक को 25 हजार रुपये तक का नुकसान खुद ही उठाना पड़ेगा। .
कितने पैसे मिलेंगे वापस
अगर बैंक अकाउंट बेसिक सेविंग बैंकिंग डिपॉजिट अकाउंट यानी जीरो बैलेंस अकाउंट है तो आपकी लायबिलिटी 5 हजार रुपये होगी। अगर आपके बैंक अकाउंट से 10 हजार रुपये का अनाधिकृत ट्रांजेक्शन है तो आपको बैंक से 5 हजार रुपये वापस मिल जाएंगे। वहीं पांच हजार रुपये का नुकसान आपको वहन करना होगा।
सेविंग खाते पर क्या है नियम
अगर आपके सेविंग अकाउंट से अनाधिकृत ट्रांजेक्शन हुआ है तो आपकी लायबिलिटी 10000 रुपये होगी। यानी अगर आपके अकाउंट से 20,000 रुपये का अनाधिकृत ट्रांजेक्शन हुआ है तो बैंक से आपको 10 हजार रुपये वापस मिल सकेंगे। वहीं 10 हजार रुपये का नुकसान आपको सहना पड़ेगा।
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क्रेडिट कार्ड को लेकर क्या हैं नियम
यादि ग्राहक के करंट अकाउंट या 5 लाख रुपये से अधिक लिमिट के क्रेडिट कार्ड से अनाधिकृत ट्रांजेक्शन होता है तो ऐसे मामलों में आपकी लायबिलिटी 25 हजार होगी। वहीं अगर अकाउंट से 50 हजार रुपये का अनाधिकृत ट्रांजेक्शन होता है तो बैंक आपको 25 हजार रुपये ही देगा। बाकी 25,000 रुपये का नुकसान खुद सहन करना पड़ा है।