टैक्स कानून की धारा 234F के तहत लेट रिटर्न दाखिल करने वाले टैक्सपेयर्स को जुर्माना देना पड़ेगा। 5 लाख तक या उससे कम आय वाले टैक्सपेयर्स को 1000 रुपए तक लेट फीस या जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।
5 लाख से ज्यादा पर जुर्माना:
टैक्स कानून के मुताबिक अगर किसी टैक्सपेयर की आय 5 लाख रुपए से ज्यादा है और वो देर से रिटर्न दाखिल करता है तो उसे 10 हजार रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
1 दिन की देरी पर पूरे महीने का ब्याज:
अगर कोई टैक्सपेयर तय समय के एक दिन के बाद भी रिटर्न दाखिल करते हैं तो उसे जुर्माना देना पड़ेगा। ये जुर्माना या लेट फीस किसी टैक्सपेयर को पूरे महीने का एक फीसदी ब्याज देकर चुकानी होगी।
रिफंड वालों को होगी देरी:
अगर आप उन टैक्सपेयर्स में शुमार हैं जिनका टैक्स तय सीमा से ज्यादा कटा है और आप एक दिन भी देरी रिटर्न फाइल करेंगे तो आपको रिफंड मिलने में भी देरी होगी।
मार्च 2022 के बाद नहीं मिलेगा मौका:
अगर मार्च 2022 के बाद भी आप वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं तो आपको जुर्माने के साथ भी रिटर्न फाइल करने का कोई मौका नहीं मिलेगा. आप फिर 2020-21 का रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे।
नहीं भरने पर आएगा नोटिस:
मार्च 2022 तक भी अगर आप अपना रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं तो परिणामस्वरूप आपको इनकम टैक्स का नोटिस आ सकता है। जुर्माने के अलावा अगर आपके असेसिंग ऑफिसर को लगता है कि आपने टैक्स को लेकर बातें छिपाईं हैं या गलत जानकारी दी है तो आपको 6 महीने से लेकर 1 साल तक की जेल भी हो सकती है।