इसके साथ कोरोना वायरस को लेकर लगाई गई पाबंदी में ढील की वजह से बिजली की मांग बढ़ी है। बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बिजली की अधिकतम मांग यानी सबसे अधिक आपूर्ति बुधवार को 200,570 मेगावाट पहुंच गई।
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मानसून में देरी बड़ी वजह
इससे पहले, मंगलवार को बिजली की अधिकतम मांग रिकार्ड 1,97,070 मेगावाट तक पहुंच गई थी। विशेषज्ञों के अनुसार मानसून में देरी की वजह से कई राज्यों में पारा चढ़ने और कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर लगाई पाबंदियों में ढील के साथ बिजली की मांग बढ़ रही है।
बीते माह बिजली की अधिकतम मांग 30 जून को 191,510 मेगावाट तक पहुंच गई थी। यह बीते वर्ष जून में 164,980 मेगावाट के मुकाबले 16 प्रतिशत ज्यादा है। जून 2019 में बिजली की अधिकतम मांग 182,450 मेगावाट तक पहुंच गई थी।
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पहले ही जाता चुके थे संभावना
ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने बीते मंगलवार को एक ट्वीट में कहा था कि आज, सबसे अधिक डिमांड 11:43 बजे तक 197060 मेगावाट के सर्वकालिक उच्चतम स्तर को छू गई। निकट भविष्य में मांग 2 लाख मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है।