सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट (Stock Market Today)
आज मंगलवार के दिन बाजार में शुरुआत से ही सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट का रुख नजर आ रहा है। शुरुआती घंटों में ही सेंसेक्स 500 अंक से अधिक गिरा और 65,500 के करीब कारोबार करता दिखा। निफ्टी भी 24,250 के स्तर को पार नहीं कर सका और गिरावट के साथ 24,200 के स्तर के नीचे गिर गया । इसका असर अन्य सेक्टोरल सूचकांकों पर भी पड़ा, विशेष रूप से ऑटो और मेटल इंडेक्स में जोरदार गिरावट दर्ज की गई। ये भी पढ़े:- धनतेरस पर कितना सस्ता हुआ सोना-चांदी, खरीदने से पहले जान लें आज के रेट अंतरास्ट्रीय कारक और विदेशी निवेशकों का रुझान (Stock Market Today)
अमेरिकी बाजारों में हाल ही में आई गिरावट और अन्य एशियाई बाजारों में कमजोरी के चलते भारतीय बाजार में भी दबाव देखने को मिला। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत दरों में बढ़ोतरी की अटकलें भी निवेशकों की धारणा पर असर डाल रही हैं। इसके साथ ही, अंतरास्ट्रीय मंदी की आशंका ने निवेशकों की बेचैनी बढ़ा दी है। ऐसे में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का भारतीय बाजार से पैसा निकालना जारी है, जिससे बाजार की कमजोरी बढ़ रही है।
ऑटो और मेटल सेक्टर में गिरावट (Stock Market Today)
ऑटो और मेटल सेक्टर पर बाजार की इस कमजोरी का सबसे अधिक असर देखा गया। टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी जैसे प्रमुख ऑटो कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। इसके अलावा, मेटल सेक्टर में भी टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, हिंडाल्को के शेयर दबाव में रहे। इन सेक्टरों की गिरावट का मुख्य कारण कच्चे माल की बढ़ती कीमतें और अंतरास्ट्रीय आर्थिक परिस्थितियों में अनिश्चितता है, जिससे इन कंपनियों के लाभ पर असर पड़ सकता है। ये भी पढ़े:- यस बैंक के शेयरों में गिरावट क्यों? 5 दिनों में आई भारी कमी बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर की स्थिति (Stock Market Today)
जहां एक ओर ऑटो और मेटल सेक्टर में गिरावट रही, वहीं बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में भी मिला-जुला रुझान देखा गया। आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में हल्की खरीदारी देखी गई, जबकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एक्सिस बैंक में गिरावट का माहौल रहा। घरेलू निवेशकों ने इन शेयरों में थोड़ा रुझान दिखाया, लेकिन विदेशी निवेशकों के बिकवाली के चलते बैंकिंग सेक्टर पर भी दबाव रहा।
क्यों निवेशक हैं सतर्क (Stock Market Today)
निवेशकों के सतर्क होने का मुख्य कारण अंतरास्ट्रीय आर्थिक मंदी की आशंका है। फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने का संकेत, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और मध्य-पूर्व में बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर रहे हैं। इन सभी कारकों से निवेशकों को उम्मीद है कि आने वाले समय में शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है।