SEBI के अनुसार 4 मई 2021 को जेसवानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसमें कहा था कि यह देखा गया है कि एक शोध विश्लेषक होने के नाते संभावित ग्राहकों को मॉडल पोर्टफोलियो उत्पाद बेचा जा रहा है, जो आरए विनियमों और अनुसंधान विश्लेषक के पेशेवर मानकों में उल्लिखित अनुसंधान विश्लेषक की परिभाषा के खिलाफ है।
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फिनसेक लॉ एडवाइजर्स के मैनेजिंग पार्टनर संदीप पारेख SEBI के आदेश का किया विरोध
फिनसेक लॉ एडवाइजर्स के मैनेजिंग पार्टनर संदीप पारेख ने SEBI के आदेश का विरोध किया है। संदीप पारेख ने कहा कि मॉडल पोर्टफोलियो की पेशकश कानूनी परिभाषा के अंदर है कि शोध विश्लेषक क्या कर सकता है। यह दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है कि जेसवानी बेईमान या गलत काम कर रहे हैं। SEBI के द्वारा एकमात्र समस्या यह दिखाई गई है कि उसने ग्राहकों के साथ कॉल पर ‘सलाहकार सेवाएं’ प्रदान की जो नैतिक उल्लंघन या नियामक उल्लंघन का प्रतीत नहीं है। यह भी चिंताजनक है कि SEBI ने इस तरह के एक मामले को कार्यवाही के लिए चुना है, जबकि सचमुच हजारों सोशल मीडिया में ‘स्टॉक टिप्स’ दिए जा रहे हैं।
इस आदेश का Smallcase (स्मॉलकेस) पर क्या पड़ेगा असर
Smallcase (स्मॉलकेस) भी अपने प्लेटफार्म के जरिए मॉडल पोर्टफोलियो पेश करती है। जिसके जरिए लोग शेयर मार्केट में निवेश करते हैं। अगर SEBI मॉडल पोर्टफोलियो पेश करने से रोकती है तो Smallcase मॉडल पोर्टफोलियो पेश नहीं कर पाएगा।