बैंकों ने 24 घंटे के अंदर ही ब्याज दरों में की बढ़ोतरी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा कर्ज की लगाम ढ़ीली छोड़ते ही बैंकों ने बिना किसी ज्यादा इंतजार के 24 घंटे के अंदर ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू कर दी है। आरबीआई की रेपो रेट (Repo rate) और कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) बढ़ाने की घोषणा के अगले ही दिन देश के कई बड़े बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा कर दी है।
बैंक ऑफ बड़ौदा और आईसीआईसीआई बैंक ने बढ़ाई ब्याज दरें बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने अपने सभी तरह के कर्ज की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। इस प्रकार दोनों बैंक से होम, ऑटो और पर्सनल लोन सहित सभी पुराने और नए ग्राहकों के लिए कर्ज मंहगा हो गया है। इन दोनों बैंकों ने रेपो रेट से जुड़ी ब्याज दरों (external benchmark linked loan interest rates) में बढ़ोतरी कर दी है।
ICICI Bank ने अपनी बेवसाइट पर ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा कर दी है। बैंक ने अपने ग्राहकों को बताया है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में की गई वृद्धि के अनुसार बैंक ने एक्टरनल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (I-EBLR) बढ़ा दिया गया है। बैंक ने I-EBLR में 40 बेसिस अंक की वृद्धि कर इसे 8.10% कर दिया गया है। यह वृद्धि 4 मई से लागू भी हो गई है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी रिटेल लोन के लिए रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (BRLLR) को 40 बीपीएस बढ़ाकर 6.90 पर्सेंट कर दिया है। आईसीआईसीआई बैंक की बढ़ी हुई दर चार मई से और बैंक ऑफ बड़ौदा की बढ़ी दरें पांच मई से लागू हो गई हैं।
सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने की 0.40 फीसद की बढ़ोतरी इसके अलावा सार्वजानिक क्षेत्र के दो बैंकों बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank Of India) ने भी रेपो दर में बढ़ोतरी के बाद अपनी ब्याज दरों में वृद्धि की घोषणा की है। बैंक ऑफ इंडिया ने भी रेपो दर में वृद्धि के साथ अपनी आरबीएलआर को पांच मई, 2022 से बढ़ाकर 7.25 प्रतिशत कर दिया है।
जबकि सेंट्रल बैंक (Central Bank) ने भी अपने आरबीएलआर में 0.40 फीसद की वृद्धि की है और इसे 7.25 फीसद कर दिया है। यह छह मई, 2022 से लागू होगी। ईबीएलआर बाह्य मानक दर और कर्ज जोखिम प्रीमियम का जोड़ होता है।
यूं समझें क्या होता है एक्सटर्नल बेंचमार्क लोन रेट एक्सटर्नल बेंचमार्क की व्यवस्था 2019 से शुरू हुई है। आरबीआई ने एक अक्टूबर, 2019 से फ्लोटिंग रेट वाले सभी नए पर्सनल या रिटेल लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से जोड़ना अनिवार्य बना दिया था। यहां निजी बैंकों को खास रूप से कोई भी एक्सटर्नल बेंचमार्क तय करने की आजादी है। एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट बैंक द्वारा लोन देने की सबसे कम ब्याज दर होती है। बैंक इसके नीचे लोन नहीं दे सकता। बैंक इसी एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट और Repo Rate के ऊपर क्रेडिट रिस्क प्रीमियम जोड़कर कुल ब्याज दर तय करते हैं।