EPFO: कारोबारियों के लिए GST Return भरना जरूरी जीएसटी नेटवर्क ने कहा है कि जिन करदाताओं ने जून 2021 तक दो महीने या तिमाहियों तक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया है, वे 15 अगस्त से ई-वे बिल ( E-way Bill ) नहीं बना पाएंगे। अगर उन्हें इस सुविधा को बरकरार रखना है तो तत्काल जीएसटी रिटर्न फाइल कर दें। विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटीएन के इस कदम से अगस्त में वस्तु एवं सेवा कर संग्रह बढ़ाने में मदद मिलेगी। ऐसा इसलिए कि सरकार के इस फैसले से कारोबारी लंबित जीएसटी रिटर्न दाखिल होने की उम्मीद है।
जीएसटी नेटवर्क ( GSTN ) की ओर से जारी सूचना के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से ई-वे बिल जनरेशन पर रोक को पिछले साल अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था। यह परिवर्तन सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 138 ई (ए) और (बी) के तहत किया गया था। लेकिन ताजा अपडेट में कहा गया है कि किसी व्यक्ति के लिए ई-वे बिल जनरेशन सुविधा उस मामले में प्रतिबंध के लिए उत्तरदायी होगी, जब उक्त व्यक्ति तय अवधि के लिए फॉर्म GSTR-3B / CMP-08 विवरण दाखिल करने में विफल रहेगा।
जीएसटीएन की नेक सलाह 15 अगस्त के बाद अब जीएसटीएन 15 अगस्त के बाद फॉर्म GSTR-3B में दाखिल रिटर्न की स्थिति या फॉर्म GST CMP-08 में दाखिल किए गए बयानों की जांच करेगा और नॉन फाइलर्स के खिलाफ प्रतिबंध लगाने शुरू कर देगा। जीएसटीएन ने कहा है कि ईडब्ल्यूबी पोर्टल पर ईवे बिल सृजित करने की सुविधा को निरंतर बनाए रखने के लिए आपको सलाह दी जाती है कि आप अपने लंबित जीएसटीआर 3बी रिटर्न/सीएमपी-08 स्टेटमेंट को तुरंत फाइल करें।
रिटर्न नॉन फाइलर्स नहीं कर पाएंगे कारोबार ई-वे बिल के सृजन को पर रोक लगने से कई कारोबार रुक जाएंगे। ऐसा इसलिए कि जीएसटी व्यवस्था में अप्रैल 2018 से 50,000 रुपए से अधिक मूल्य की वस्तुओं के इंटर-स्टेट ट्रांसपोर्टेशन के लिए ईवे बिल को अनिवार्य कर दिया गया है। सोने को इससे बाहर रखा गया है। इलेक्ट्रॉनिक वे बिल सिस्टम में जीएसटी इंस्पेक्टर द्वारा मांगे जाने पर ट्रेडर्स को दिखाना होता है।
E-way Bill ब्लॉक है या नहीं: ऐसे चलेगा पता जीएसटीन की ओर से ई-वे बिल जनरेशन की सुविधा को ब्लॉक करने की सूचना संबंधित ट्रेडर्स के पंजीकृत ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर के माध्यम से दिया जाएगा। ऐसे लोग ई-वे बिल जनरेशन दोबारा शुरू करने के लिए जीएसटीएन के संबंधित अधिकारी के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं।