27 फीसदी कंपनियों में AI पर रोक
यही वजह है कि दुनिया की हर चार में एक कंपनी AI के उपयोग को प्रतिबंधित कर रही हैं। सिस्को के अध्ययन के अनुसार, 27 फीसदी कंपनियां डेटा प्राइवेसी और सिक्योरिटी की चिंता के मद्देनजर तात्कालिक रूप से एआइ के प्रयोग को प्रतिबंधित कर चुकी हैं। कंपनियों की सबसे बड़ी चिंता (69 फीसदी) है संगठन के वैधानिक और बौद्धिक संपदा की सुरक्षा। इसके बाद अपने प्रतिस्पर्धी के समक्ष कारोबारी सूचनाएं और अपने ट्रेड सीक्रेट का उजागर हो जाना दूसरा सबसे बड़ा खतरा माना गया है।
AI से बनाए गई प्रचार सामग्री असली जितनी असरदार
उधर, शोधकर्ताओं की एक टीम ने 8,000 से अधिक अमरीकी वयस्कों पर किए एक अध्ययन में पाया है कि एआइ से बनाए गई प्रचार और प्रोपेगैंडा सामग्री भी लगभग उतने ही असरदार और प्रेरक हैं, जितने कि असल में बनाए गए प्रोपेगेंडा के साधन। इसके लिए अमरीका में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने छह अंग्रेजी भाषा में लिखे लेखों की पहचान की, जो खोजी पत्रकारों और शोधार्थियों के अनुसार, संभवतः ईरानी या रूसी के गुप्त प्रचार अभियानों का हिस्सा थे। उन्होंने चेतावनी दी है कि जैसे-जैसै इस तरह की प्रचार सामग्री की मात्रा बढ़ जाएगी और उनका पता लगाना कठिन हो जाएगा।