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1 नवंबर को सुरेश बाबू नाम के एक यूजर ने अपनी स्विगी वन मेंबरशिप तहत एक ऑनलाइन ऑर्डर (Food Delivery) किया जिसमें मेंबरशिप के अनुसार, एक तय दूरी तक मुफ्त डिलीवरी का वादा किया गया था, लेकिन स्विगी ने कथित रूप से 9.7 किलोमीटर की वास्तविक दूरी को बढ़ाकर 14 किलोमीटर दर्ज कर दिया, जिससे सुरेश बाबू को 103 रुपए का अतिरिक्त डिलीवरी शुल्क देना पड़ा। सुरेश बाबू ने गूगल मैप्स का स्क्रीनशॉट सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया, जिसे आयोग ने मान्य किया। जांच में पाया गया कि स्विगी ने बिना किसी ठोस कारण के दूरी बढ़ाकर अनुचित व्यापारिक आचरण किया है, जिससे उपभोक्ता को आर्थिक नुकसान पहुंचा सके।
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स्विगी के ग्राहक सुरेश बाबू की शिकायत पर सुनवाई के दौरान स्विगी की गैर-हाजिरी पर कोर्ट ने एकतरफा फैसला सुनाया। कोर्ट ने स्विगी को आदेश दिया कि वह बाबू को 350.48 रुपए 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ लौटाए, साथ ही 103 रुपए का डिलीवरी शुल्क भी वापस करे। इसके अतिरिक्त, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए स्विगी को 5,000 रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही, कोर्ट ने स्विगी को मुकदमे की लागत के रूप में 5,000 रुपए देने का निर्देश दिया साथ ही, यह भी आदेश दिया कि स्विगी भविष्य में मेंबरशिप लाभों का गलत उपयोग करते हुए डिलीवरी (Food Delivery) की दूरी में इस प्रकार की हेराफेरी न करे। इसके अलावा आयोग ने स्विगी को अपने उपभोक्ता को 25,000 रुपए का दंडात्मक हर्जाना भी जमा करने का निर्देश दिया है। स्विगी को इन सभी निर्देशों का पालन करने के लिए आयोग से 45 दिन का समय भी मिला है।
स्विगी ला रही है आईपीओ
ऑनलाइन फूड डिलीवरी (Food Delivery) प्लेटफॉर्म स्विगी अपने आईपीओ की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है, जिसकी लॉन्चिंग 6 नवंबर को तय की गई है। कंपनी का उद्देश्य इस आईपीओ के माध्यम से प्राइमरी मार्केट से लगभग 11,000 करोड़ रुपए जुटाना है। स्विगी के इस आईपीओ में निवेशकों का भारी उत्साह देखने को मिला है। नॉर्वे के सॉवरेन वेल्थ फंड नॉर्जेस और फ़िडेलिटी जैसे वैश्विक निवेशकों ने इसमें 15 बिलियन डॉलर से अधिक की बोलियां लगाई हैं।