इस सीमा को बढ़ाकर 7 लाख करने का मतलब है कि जिस व्यक्ति की आय 7 लाख रुपए से कम है, उसे छूट का दावा करने के लिए कुछ भी निवेश करने की आवश्यकता नहीं है। 7 लाख की आय पूरी तरह से कर-मुक्त होगी। वित्तमंत्री ने कहा कि “इससे मध्यम वर्ग के आय वर्ग को अधिक खपत शक्ति मिलेगी क्योंकि वे छूट का लाभ लेने के लिए निवेश योजनाओं के बारे में बहुत अधिक परेशान हुए बिना आय का पूरा पैसा खर्च कर सकेंगे।
0-3 लाख – शून्य 3-6 लाख – 5% 6-9 लाख- 10% 9-12 लाख – 15% 12-15 लाख – 20% 15 लाख से ऊपर- 30%
पेंशनरों के लिए वित्तमंत्री ने नई टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन में थोड़ी राहत देने की घोषणा की है। अगर आपकी इनकम 15.58 लाख रुपए या उससे ज्यादा है तो स्टैंडर्ड डिडक्शन में 52,500 रुपयए का फायदा होगा। पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपए था।
देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वालों के लिए अभी टैक्स रेट 42.74% है। वित्तमंत्री ने कहा कि “यह दुनिया में सबसे अधिक है, मैं नई टैक्स रिजीम में सरचार्ज को 37% से घटाकर 25% करने का प्रस्ताव करती हूं।” इसके बाद अब सबसे ज्यादा कमाई करने वाले लोगों पर 42.74% लगने वाला सुपर रिच टैक्स 37% होगा।
गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर लीव इनकैशमेंट में आयकर छूट की सीमा 2002 में 3 लाख रुपए तय की गई थी। उस समय उच्चतम बेसिक पे 30 हजार रुपये होती थी। इस सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया गया है। यानी कि 25 लाख रुपये तक के लीव इनकैशमेंट पर टैक्स नहीं लगेगा।