मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के खकनार जनपद का पाचोरी गांव। यह गांव देशभर में हथियार बनाने के लिए कुख्यात रहा है। मप्र-महाराष्ट्र सीमा की सतपुड़ा पहाड़ी के जंगल में बसे पाचोरी गांव में 124 परिवार के करीब 920 से अधिक लोग निवास करते हैं। 50 से अधिक अपराधिक तत्व के लोगों पर हथियार सप्लाय करने के प्रकरण दर्ज है। पिस्टल, रिवाल्वर और कट्टे बनाने वाले अब गोलियां तक बनाने लगे हैं।पिछले दो सालों का रेकॉर्ड देखा जाए तो देशभर के विभिन्न राज्यों से लोग हथियारों की खरीदी करने पहुंच रहे है।
नई पीढी का नया अंदाज
अवैध हथियार के कारोबार से जुड़े परिवारों के युवा भी इस अवैध धंधे से बाहर नहीं निकले हैं। 20 से 35 साल की उम्र के युवाओं की नई पीढ़ी हथियार बेचने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हथियारों की नुमाइश की जा रही है। फोटो भेजने के अलावा हथियारों के वीडियो भी शेयरकिए जा रहे हैं। सोशल मीडिया के कुछ अकाउंटस भी पुलिस के हाथ लगे हैं।
अपराधिक रिकॉर्ड
साल 2021
06 अपराधिक प्रकरण
30 अवैध हथियार जब्त
08 आरोपी बनाए
साल 2022 जुलाई तक
02 अपराधिक प्रकरण
32 अवैध हथियार जब्त
05 आरोपी बनाए
युवाओं का कोरियर बॉय के रूप में इस्तेमालअवैध हथियार निर्माण के बाद अन्य प्रदेशों के जिलों में सप्लाय के लिए अपने क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं का कोरियर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। पिस्टलों की डिलेवरी की संख्या के अनुसार अधिक रुपए देने का लालच देकर रवाना करते है। पिछले डेढ़ साल में हुई कार्रवाईयों में 5 से अधिक आरोपी कोरियर ही मिले।
प्रशासन ने शासन को भेजा ड्राफ्ट
अवैध हथियार तस्करी के व्यवसाय में जुटे पाचोरी के लोगों को मुख्यधारा से जोडऩे के लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है। एसपी राहुल कुमार लोढा ने बताया कि जमीनीस्तर पर समस्याओं को जानने के बाद मुख्यधारा से जोडऩे के लिए ड्राफ्ट तैयार कर शासन को भेजा गया है। ड्राफ्ट में सिकलीगरों को मुख्य धारा से जोडऩे के लिए विस्थापन करने का सुझाव दिया है ताकि वे समाज के बीच और करीब रहे। अवैध हथियार निर्माण एवं सप्लाय को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे है।