बुरहानपुर जिले में ताप्ती नदी देड़तलाई, तुकईथड़, पलासुर, सीवल, नावथा, लिंगा, नागझिरी, पिपलघाट, राजघाट, सतियारा घाट, बोहरड़ा, हतनूर, नाचनखेड़ा, पातोंडी से होकर अंतुर्ली महाराष्ट्र की ओर जाती है।
ताप्ती नदी की घाटी का विस्तार कुल 65,145 किमी में है। यह घाटी क्षेत्र महाराष्ट्र में 51, 504 किमी, मध्य प्रदेश में 9,804 किमी एवं गुजरात में 3,837 किमी है। ये घाटी महाराष्ट्र उत्तरी एवं पूर्वी जिलों जैसे अमरावती, अकोला, बुलढाना, वाशिम, जलगांव, धुले, नंदुरबार एवं नासिक में फैली है। साथ ही मध्य प्रदेश के बैतूल और बुरहानपुर तथा गुजरात के सूरत एवं तापी जिलों में इसका विस्तार है। इसके जलग्रहण क्षेत्र का 79 फीसदी गुजरात शेष मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र राज्य में पड़ता है।
अवैध रेत खनन से ताप्ती को छलनी कर दिया गया। कभी नहीं सूखने वाली ताप्ती गर्मी में सपाट हो रही। जीवनदायिनी मां ताप्ती नदी को प्रदूषित कर शहर का ड्रेनेज नदी में उतार दिया गया। भक्त जब घाट पर स्नान करने पहुंचते हैं, तो पास में ही नाले से आने वाला पानी ताप्ती में मिलता देखते हैं, तो आस्था को चोट पहुंचती है। यह हालात लंबे समय से हैं, लेकिन कभी सीवरेज के पानी को ताप्ती में रोकने के प्रयास नहीं हुए। हालांकि बुरहानपुर की प्रोसेस फैक्ट्री के मालिकों का कहना है कि हमने ट्रीटमेंट प्लांट बना दिए हैं, अब हमारा पानी बाहर नहीं जा रहा है, लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है यह तो फैक्ट्री मालिक ही जानते हैं।
ताप्ती नदी पर रेत का अवैध खनन इस तरह किया गया कि पूरी ताप्ती को छलनी कर दिया गया। जहां प्रतिबंधित क्षेत्र थे उन्हें भी नहीं छोड़ा गया। राजघाट, सतियारा घाट, नागझिरी, बड़े ताप्ती का पुल से लेकर देड़तलाई खकनार क्षेत्र में भी खनन जोरों पर चला। इस कारण ताप्ती में जगह-जगह गड्ढे हो गए। अफसरों ने कार्रवाई तो की, लेकिन यह भी खनन को पूरी तरह रोक नहीं सकी।
ताप्ती नदी में शहर का प्रदूषित पानी मिलने से रोकने के लिए पिछले दस साल से प्रयास चल रहे हैं। इसके लिए तीन करोड़ रुपए की ताप्ती शुद्धिकरण योजना में ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाए गए, लेकिन यह योजना भी सफल नहीं हो सकी। पीएचई विभाग जगह-जगह मशीन लगाकर इसे चालू भी किया, लेकिन बाद में निगम ने इसे हैंडओवर न करने से योजना बंद पड़ गई। बाद में इस पर फिर एक करोड़ खर्च किए पीएचई ने चालू किया अब निगम फिर से इसे हाथ में लेने से इनकार कर रहा है। निगम का कहना है कि पीएचई इसे चलाकर दिखाए।
फैक्ट फाइल
8487 स्क्वेयर किमी जलग्रहण क्षेत्र
213.0000 जीरो गेज
220.800 मीटर है डेंजर लेवल
218.000 मीटर है चेतावनी का लेवल
217.670 मीटर है वर्तमान में जल स्तर
213.560 मीटर पर मई की गर्मी में था पानी
सनातन धर्म प्रचार समिति द्वारा ताप्ती जयंती सोमवार को मनाई जाएगी। ताप्ती के राजघाट पर ताप्ती मां का पूजन, महाआरती एवं चुनरी उत्सव का आयोजन पंडित लोकेश शुक्ल की ओर से संपन्न किया जा रहा। शाम 5 बजे राजघाट पर यह कार्यक्रम होगा। ताप्ती महोत्सव समिति के जिला संयोजक महेश खंडेलवाल, महेंद्र जैन ने बताया कि चुनरी उत्सव में उद्योगपति कमलनयन लाठ की ओर से संपन्न किया जाएगा। सूरत से 108 मीटर की चुनरी मंगवाई है, तो सोमवार शाम को ओढ़ाई जाएगी। गायत्री परिवार की ओर से ताप्ती को पौधरोपण कर हरी चुनरी ओढ़ाई जाएगी। गायत्री परिवार के मनोज तिवारी ने बताया कि 151 पौधे लगेंगे। नाथ समाधि राम मंदिर महाजनापेठ में लगाए जाएंगे। यह कार्यक्रम सुबह 8 से 9 बजे तक चलेगा। हवन यज्ञ भी होगा।
रेत का खनन बंद कराना जरूरी है, इसलिए पानी रोकने की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही। नदी की स्थिति दयनीय बन रही है। ताप्ती जयंती मनाने का उद्देश्य यह है कि नदियों का सम्मान करें, संरक्षण करें, उनके प्रति आस्था का भाव रखे उनका शोषण न करें। उन्हें जीवित रखने का प्रयास करें।
पंडित लोकेश शुक्ला
अनिल भोसले, महापौर
कुलदीप जैन, खनिज इंस्पेक्टर