बुरहानपुर में ओशो ध्यान शिविर हो रहा है जहां देशभर से अनुयायी आएंगे। चार दिवसीय आयोजन 29 दिसंबर से 1 जनवरी तक चलेगा। मेक्रो विजन एकेडमी में इस संबंध में ओशो के भाई स्वामी शैलेंद्र सरस्वती विस्तार से बताया।
ओशो को उनके निधन का पहले ही पता चल गया था
ओशो के भाई स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने कहा कि ओशो की स्वाभाविक मृत्यु हुई थी। 58 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हुई थी। ओशो को अपनी देह त्यागने का करीब 10 महीने पहले पता लग गया था। यह तभी होता है जब नेचुरल डेथ होने वाली हो। अगर कोई एक्सीडेंट, मर्डर में पता नहीं चलता।
उन्होंने कहा कि महर्षि पतंजलि ने अपने योग शास्त्र में लिखा है। एक जागृत व्यक्ति को उतने दिन पहले अपनी मृत्यु का एहसास हो जाता है। जितने दिन वह अपनी मां के गर्भ में रहा हो। ओशो ने इस बात की पुष्टि की थी। 284 तक वह मां के गर्भ में रहे।
हमारे मन की स्थितियां बदलनी होगी
उन्होंने कहा कि सबसे पहली बात है बाहर की परिस्थितियां नहीं हमें हमारी मन स्थितियां बदलनी होगी। अगर मैं एक दुखी व्यक्ति हूं, चिंतित व्यक्ति, नकारात्मक मेरी सोच है, तो दुनिया में मुझे सब कुछ वैसे ही दिखाई देगा। ऐसी कौन सी चीज है जो हमारी दुनिया बदल जाए। वह है हमारा नजरिया।
इस मौके पर मेक्रो विजन एकेडमी के संचालक आनंद प्रकाश चौकसे, मंजूषा चौकसे, कबीर चौकसे आदि मौजूद थे।
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