मिलेगाएमबीए की तैयारी कर रहे पवन ने बताया कि इंटरनेट पर खोजबीन कर इस फसल की तैयारी की और एक हजार पेड़ लगाए। उत्पादन भी अच्छा हुआ, लेकिन मेहनत ज्यादा लग गई। सामान्य केला जो 12 माह में आ जाता है इसके उत्पादन में 15-18 माह लग गए। करीब चार हजार पेड़ सामान्य केले के लगाए। पवन के अनुसार लाल केला ज्यादा पौष्टिक और हल्का होता है। सामान्य केले के पेड़ से इसका वजन चार से पांच किलो कम रहता है।
विदेशों में इसकी मांग है, लेकिन जो भाव मिलने की उम्मीद थी, वह बुरहानपुर में नहीं मिल सके। यदि बुरहानपुर में लाल केले का उत्पादन ज्यादा हो तो व्यापारियों का रुझान बढ़ेगा और बाजार भी बेहतर मिलेगा। पहली बार का अनुभव था इसलिए केले का बाजार फिलहाल सामान्य केले की तरह ही मिल सका।
लाल केले की खेती युवा किसान ने की है। बहुत ही बेहतर प्रयास है। इससे और भी किसान प्रेरित होंगे। यह केला पौष्टिक होता है। इसकी बाजार में मांग भी रहती है।
-मनोहर देवके, कृषि संचालक