9 अप्रेल को भी इस पुरानी परंपरा को निभाया गया। एक युवा ने ऐसी गाड़ी खींची जिसपर सैकड़ों लोग सवार थे। इस काम में उसके दो साथियों ने भी मदद की। यह कमाल देखकर ऐसे लोग तो दंग रह गए जोकि पहली बार यह नजारा देखने आए थे। हालांकि पुराने लोग सालों से यह कमाल देखते चले आ रहे हैं।
बुरहानपुर के डाकवाड़ी क्षेत्र में हर साल गुड़ी पड़वा के अवसर पर यह कार्यक्रम होता है। बारह गाड़ी खींचने का आयोजन यहां की प्राचीन प्रथा है। मंगलवार शाम को एक युवक ने अपने दो सहयोगियों के साथ यह गाड़ी खींची। इसे अनोखे आयोजन को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग डाकवाड़ी पहुंचे।
यहां पहले बिना बैल की बारह गाडिय़ों को रस्से से बांधकर एक दूसरे से जोड़ दिया गया। इसके बाद गाडिय़ों पर सैकड़ों लोग सवार हो गए। भगत अंकित पानीकर ने इन गाडिय़ों को खींचना शुरु कर दिया और देखते ही देखते 500 मीटर तक गाड़ी खींचकर ले गया। भगत अंकित पानीगर ने अपने दो सहयोगियों रोशन शिंदे और सत्यम मोरे के साथ मिलकर ये गाड़ी खींची।
बारह गाडिय़ों को हमेशा एक ही व्यक्ति खींचता– डाकवाड़ी के पुराने लोगों ने बताया कि सालों से ये परंपरा निभाई जा रही है। बिना बैल की बारह गाडिय़ों को हमेशा एक ही व्यक्ति खींचता है, भले ही इनमें कितने ही लोग सवार हों। बारह गाडिय़ों को खींचनेवाले को भगत कहा जाता है।