आसमान में सात रंगों की बनी खूबसूरत आकृति को इंद्रधनुष बचपन में हमें इंद्रधनुष, रेनबो के बारे में बताया जाता था लेकिन अब इसके रंगो से बूंदी जिले के स्कूली बच्चे प्रतिदिन रूबरू होगें। आसमान में सात रंगों की बनी खूबसूरत आकृति, इंद्रधनुषी रंग विद्यालय की हर दीवार लैब, बच्चों के बैठने के लिए मैच-कुर्सी सहित हर सामग्री पर देखने को मिलेगा। जनप्रतिनिधियों के लिए गांवों को अपनाने के नियम के बाद अब एसआईक्यूई की बेहतरीन क्रियान्वयन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूल गोद लिाया जाना है। इसी परम्परा में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक तेजकंवर ने जिले के कालपूरिया विद्यालय को गोद लिया है। एसआईक्यूई की गतिविधियों को मजबूत करने के उद्वेश्य से डिस्ट्रिक लेवल पर लेब तैयार की जा रही है। हर जिले में एक लेब होगी जो आदर्श के रूप में अन्य विद्यालयों के लिए एक मॉडल होगा यहां दूसरे विद्यालयों के बच्चों को बुलाकर दिखाया जाएगा।
शिक्षा सचिव नरेश पाल गंगवार व जिला कलक्टर शिवांगी स्वर्णकार के निर्देश पर इस विद्यालय का स्वरूप निखारा जा रहा है।
उच्च माध्यमिक विद्यालय कालपूरिया में रेनबो पेंटिंग लैब, व अन्य सामग्री में 2 लाख रूपए खर्च किए गए है। खास बात यह है कि लेब को विकसित करने के लिए शासन की ओर से कोई बजट नही दिया गया बल्कि ग्राम पंचायत व ग्रामीण जनसहयोग से राशि जुटाकर कार्य किया जा रहा है।
विद्यालय परिसर का इंफास्ट्रक्चर कुछ ऐसा होगा कि यहां रेनबो सिनरी के बीचो बिच पानी में बतखें तैरती नजर आएगी। यह विद्यालय का मुख्य आकर्षण का केन्द्र होगा।
प्रेरित करती होगी वॉल पेंटिंग-
चाहे बारीश के बाद आसमान में सात रंगो की खूबसूरत आकृति हो या संदेशनात्मक स्लोगन, प्रोजेक्टर सब कुछ कलरफुल रंगो से सजा होगा जिससे बच्चे प्रेरित हो सके।
डिजिटल होगा क्लास रूम-
डिजिटल शिक्षा की ओर अग्रसर इस स्क्ूल के क्लास रूम भी डिजिटल होगें जहो स्मार्ट क्लास रूम में बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेगें।
अजेता उच्च माध्यमिक विद्यालय भी होगा डेवलप-
कालपूरिया स्कूल के साथ डीईओ ने अजेता उच्च माध्यमिक विद्यालय को भी गोद लिया है, यहां भी रेनबो की थीम पर स्कूल को संवारा जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि कालपूरिया स्क्ूल गोद लिया है लेकिन अजेता स्क्ूल को भी रेनबो कलरफुर बनाया जाएगा। जिसका कार्य अंतिम चरण में चल रहा है।