टेल क्षेत्र के किसान मुकेश सेवदा, निरंजन सेन, हनुमान मीणा, गिरिराज मीणा आदि ने बताया की इस समय किसान खेतों में रबी की फसल बुवाई कर रहे हैं। किसानों को रेलने व पलेवा करने के लिए नहरी पानी की जरूरत है, जो नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते किसान गेहूं की फसल बुवाई में एक माह की देरी हो चुकी है। गेहूं की फसल में देरी से पैदावार में फर्क पड़ेगा। दूसरी फसलों सिंचाई के लिए नहरी पानी आवश्यकता है नहरी पानी फसलों के लिए फायदेमंद होता है
टेल क्षेत्र के किसानों ने बताया की रबी की फसल बुवाई के लिए महंगा डीजल खरीद कर सिंचाई करने की मजबूरी बन जाती है। फसल के लिए नहर का पानी समय पर नहीं मिल पाता है। फसल को बचाने के लिए किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड रहा है। ट्यूबवेल चलाकर खेतों में रेलना व पलेवा कर रहे हैं।
नहरी पानी की मांग को लेकर टेल क्षेत्र के दर्जनों गांवों के किसानों की नहरी पानी की मांग को लेकर संभागीय आयुक्त के नाम ज्ञापन लिखकर रबी की फसल बुवाई हो रही देरी, किसानों को महंगा डीजल खरीद कर सिंचाई करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। एक माह बाद भी टेल क्षेत्र के खेत प्यासे है और नहर सूखी पडी है। 48 घंटो में टेल क्षेत्र के गांवों तक नहरी पानी नहीं पहुंचा तो किसान धरने पर बैठेंगे।