बरूंधन, लक्ष्मीपुरा, डोरा व कंवरपुरा सहित आस पास गांवों के ग्रामीण रोजाना डाबी मजदूरी करने आते हैं। नियमित बस सेवा नही होने के कारण ग्रामीणों को मजबूरन मोटरसाइकिल से सफर करना पड़ रहा है। दिहाड़ी मजदूर पेट्रोल के अतिरिक्त खर्च को बचाने के लिए जान जोखिम में डालकर एक मोटरसाइकिल पर तीन से चार जने तक सवार होकर आते है।
पांच वर्ष पूर्व बूंदी से वाया बरूंधन चौराहा से डाबी के लिए ग्रामीण बस सेवा शुरू की गई थी। बस नियमित दो फेरे लगाती थी। पर्याप्त मात्रा में यात्री भार मिलने के बावजूद भी अचानक बस सेवा बंद कर दी गई। ग्रामीण बस सेवा महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई थी। जनप्रतिनिधियों की बेरुखी के चलते इस मार्ग पर पिछले पांच वर्ष से बंद पड़ी रोडवेज बस सेवा को शुरू नहीं करवा पाए। क्षेत्रवासियों की एक सबसे बड़ी मांग बूंदी से वाया बरूंधन चौराहा होते हुए डाबी तक नियमित बस सेवा शुरू करने की रही है।
सुनीता जैन, मुख्य प्रबंधक बून्दी, आगार