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सुनहरे भविष्य की बत्ती हुई गुल, अंधेरे में तैयार हो रहे भावी और आइंस्टाइन बच्चों में शिक्षा का स्तर कमजोर मिलने पर कलक्टर स्वर्णकार ने जिला शिक्षा अधिकारी(प्रारम्भिक) को लताड़ पिलाई और कहा कि जल्द ही सुधार नही हुआ तो कार्रवाई की जाएगी। वहीं स्कूल शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए हिंदी और अंग्रेजी के शिक्षकों की जांच करने के निर्देश दिए। कलक्टर ने बताया कि पूरे मामले की जांच के बाद देवपुरा विद्यालय में कार्यरत हिंदी और अंग्रेजी के शिक्षकों को हटाया जाएगा।
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बूंदी कोर्ट में फायरिंग के साथ ही खुल गई राजस्थान पुलिस के दावों की पोल औचक निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी तेजकंवर भी साथ रही। सुबह ११ बजे विद्यालय पहुंची कलक्टर शिवांगी स्वर्णकार करीब डेढ घंटा देवपुरा स्क्ूल में बंद कमरे में बच्चों की क्लास ली। उन्होनें बच्चों की हिंदी और अग्रेंजी ज्ञान को परखा। बच्चों को हिंदी में निष्ठा लिखना आया न अंग्रेजी में स्क्ूल की स्पेलिंग यहां तक बच्चे अपने नाम तक की स्पेलिंग नही बता पाए। क्रिसमस शब्द भी नही लिख पाए।
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प्रधानाचार्य के हाथ होगी ग्राम पंचायत में शिक्षा की बागड़ोर बच्चों की कम मिली उपस्थिति, कोर्स भी अधूरा- विद्यालय में नामांकन होने के बावजुद बुधवार को ३८ ही बच्चों की उपस्थिति को देख कलक्टर ने नाराजगी जताई। वहीं स्कूली बच्चों से मिली जानकारी के बाद यह भी समाने आया कि कोर्स भी पूरा नही करवाया गया जबकि अर्धवार्षिक परीक्षाएं सर पर है इस मामले को गम्भीर लेते हुए कलक्टर स्वर्णाकर ने संस्था प्रधान बुद्धि प्रकाश पुण्डीर, शिक्षक रश्मि दुबे व विपिन को सख्त हिदायत दी।
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जिनके जिम्मे थी सुरक्षा वो अपनी जान बचाने के लिए छिपते फिरे में शॉक्ड हुं कि बच्चों को कुछ नही आ रहा। सिटी के स्कूल कि यह हालत है, जो गम्भीर विषय है। बच्चों को बेसिक जानकारी भी। पांचवी क्लास का स्टेंडर्ड यह है कि विषय का नाम तक नही बता पाए। सिलेबस भी कम्पलीट नही। करवाया गया ऐसे में शिक्षकों को जांच कर उन्हें हटाने के निर्देश दिए है। जिला कलक्टर शिवांगी स्वर्णाकर