इसका सबसे बड़ा कारण परिजनों की लापरवाही और मोबाइल का दुरूपयोग माना जा रहा है। घर से गायब होने वाली नाबालिग लड़कियों में अधिकांश आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की है। इन बालिकाओं को तलाशकर पुलिस ने बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया, जहां से उनका पारिवारिक पुनर्वास किया गया।
फैक्ट फाइल
सन – पेश की गई नाबालिग 2021 – 137 2022 – 134 2023 – 135 20 मई 2024 – 41 नोट . बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश नाबालिगों के आंकड़े।
केस-1
15 वर्षीय किशोरी की 35 साल के व्यक्ति से जान पहचान हुई। यह व्यक्ति तीन बच्चों का पिता है। उसने बहला फ ुसलाकर किशोरी से व्यवहार बना लिया। इसके बाद उसे भगा ले गया। किशोरी ने 18 वर्ष की आयु पूर्ण करके उस व्यक्ति के साथ जाने की जिद्द पर कायम रही। आज वह मामूली स्थिति में गुजारा कर रही है।
केस-2
एक नाबालिग कोचिग के दौरान एक युवक के साथ गायब हो गई। उसके घर नहीं पहुंचने पर परिजनों ने संस्था में पूछताछ की। सीसीटीवी कैमरे खंगाले। फिर पुुलिस को रिपोर्ट दी। मोबाइल लोकेशन के आधार पर युवक को पुलिस ने पकड़ लिया।
केस-3
बारह वर्षीय बालिका का उसकी सौतेली मां ने 3 लाख रुपए में जबरन विवाह करा दिया। 20 वर्षीय पति के साथ उसे जबरदस्ती रखा गया। यह बालिका वहां से कहीं चली गई। तीन बार बालिका को ससुराल भेजा गया, लेकिन वह वहां नहीं रहना चाहती थी। बाद में बालिका किसी रिश्तेदार के बहकावे में आकर उसके साथ गायब हो गई। तीन लड़कों ने उसका शोषण कर उसे राज्य के बाहर भेज दिया।
ये है कारण
●अशिक्षा- गरीबी ●आधुनिक जीवन शैली ●माता-पिता के पास समय नहीं होना। ●13 से 17 वर्ष की किशोरी घर से पलायन कर रही है। ● 45 फीसदी बालिकाओं के पलायन का कारण बाल विवाह। वे इतनी जल्दी विवाह करना नहीं चाहती।
प्यार के जाल में फंस रही
बालिकाओं के घर से भागने की घटनाओं के अध्यययन में पता चला कि अधिकांश में मोबाइल फोन का गलत उपयोग मुख्य कारण पाया गया। मोबाइल नंबर के आदान-प्रदान के बाद चोरी छिपे फोन पर बात करना, फिर प्रेम जाल में फंसकर नाबालिग बहक जाती है और घर से उसके साथ भाग जाती है।