ऐसे में अब तक औसत वर्षा से 43 एमएम बारिश कम हुई है। इसी का नतीजा है कि जिले के 12 बांधों में चादर चल चुकी है। जबकि गत वर्ष इस समय तक चार से पांच बांधों में पानी की आवक हुई थी। जल संसाधन विभाग के आकड़े के अनुसार खाली 11 बांधों में से चार बांध भराव क्षमता के ईद-गिर्द है। ऐसे में एक बार फिर झमाझम बारिश बरसे तो इन बांधों में भी चादर चलने की उम्मीद है। इस साल सर्वाधिक वर्षा अब तक की बात करें तो
बूंदी व हिंडोली में दर्ज की गई है। जल संसाधन विभाग की मानें तो इस साल जिले में औसत वर्षा का रिकॉर्ड टूटने की संभावनाएं बन रही है। मानसून 15 सितंबर तक चलेगा और उसके बीतने में अभी एक माह और 4 दिन शेष हैं।
बूंदी में ज्यादा, इंद्रगढ़ में कम
जिले में अब तक 582 एमएम हो चुकी है, जो औसत बारिश से 43 एमएम कम है। ऐसे में बूंदी तहसील में इस वर्ष 683 एमएम जबकि बीते साल 307,हिंडोली में 672,बीते साल 398,तालेड़ा में 478 व बीते साल 245,नैनवां में 666 व बीते साल 528,केशवरायपाटन में 662 व बीते साल 369 एवं इंद्रगढ़ में 334.50 व बीते साल 366 एमएम दर्ज की गई है।
गरड़दा बांध छलकने को तैयार
गरड़दा बांध टूटने के बाद पहली बार छलकने को बेताब है। हालांकि बांध भराव क्षमता से तीन फीट खाली है। ऐेसे में क्षेत्र के लोगों में जल्द इस बांध को भरने को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। इस बांध की भराव क्षमता 62 फीट है। इसके अलावा बूंदी का गौठड़ा,अभयपुरा बांध व माछली बांध भराव क्षमता से कुछ फीट ही खाली है।