scriptजोखिम में जान: नाव व तार के सहारे नदी पार करने की मजबूर | Patrika News
बूंदी

जोखिम में जान: नाव व तार के सहारे नदी पार करने की मजबूर

कोडक्या बालाजी गांव स्थित मेज नदी पर पुलिया का अभाव होने से ग्रामीणों को नदी के दूसरे छोर तक आने जाने के लिए नाव के सहारे अथवा तैरकर नदी पार करनी पड़ती है।

बूंदीJan 21, 2025 / 07:37 pm

पंकज जोशी

जोखिम में जान: नाव व तार के सहारे नदी पार करने की मजबूर

गेण्डोली. कोडक्या बालाजी स्थित मेज नदी जहां पुलिया के अभाव में ग्रामीणों को नाव से अथवा तैर कर नदी पार करके आना जाना पड़ता है।

गेण्डोली. कोडक्या बालाजी गांव स्थित मेज नदी पर पुलिया का अभाव होने से ग्रामीणों को नदी के दूसरे छोर तक आने जाने के लिए नाव के सहारे अथवा तैरकर नदी पार करनी पड़ती है। कहार समाज के लोगों ने नदी के दोनों छोर पर लकड़ी बल्लियों लगाकर एल्यूमीनियम का तार खींच रखा है। नाव वाले तार के सहारे जुगाड से नाव को नदी पार करवाते हैं काश्तकारों को नदी पार करवाने के लिए नकद अथवा उपज से वार्षिक बंधी बांध रखी है। बरसात में यह जुगाड काम नहीं करने से नाव का आवागमन बंद रहता है। किसान नेता दुर्गाशंकर गोचर, ग्रामीण धर्मराज गोचर, योगेन्द्र खींचा, नहर अध्यक्ष धनराज मीणा आदि ने बताया कि कोडक्या बालाजी गांव में बालाजी का प्रमुख धाम है, जहां प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को आसपास एवं दूर दराज से काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं, लेकिन पुलिया के अभाव में श्रद्धालुओं को नाव में बैठकर अथवा तैरकर नदी पार करके यहां पहुंचना पड़ता है।
वहीं काश्तकारों की उपज को वाहनों के जरिए बूंदी कृषि मंडी तक पहुंचाने एवं जिला मुख्यालय पहुंचने का यही सुगम एवं सीधा रास्ता है, लेकिन पुलिया के अभाव में काश्तकारों एवं ग्रामीणों को करीब बीस किलोमीटर की अधिक दूरी तय करके बूंदी पहुंचना पड़ता है। बरसात के दिनों में इस नदी में जल प्रवाह अधिक होने के कारण लोगों की मुश्किलें और अधिक बढ़ जाती है। कई बार ग्रामीण इस नदी को तैर कर पार करते समय दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते है। यहां मेजनदी पर पुलिया निर्माण के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों द्वारा विधायक, सांसद व जिला स्तरीय अधिकारियों से मांग की जा चुकी है।
हादसे का रहता है अंदेशा
कोडक्या बालाजी गांव के अधिकतर किसानों के ख़ेत नदी पार है। इसलिए किसानों का रोजना खेत में आने जाने के नाव से या तैर आना जाना पड़ता है, जो जोखिम भरा है। वहीं नाव वाला प्रति व्यक्ति दस से बीस रुपए वसूलता है, जो किसानों को अखरता है, वहीं नदी पार करते समय हमेशा उन्हें दुर्घटना होने की आंशका बनी रहती है।
पांच करोड़ के प्रस्ताव भेजे
कोडक्या बालाजी स्थित मेज नदी पर पुलिया एवं लिंक रोड निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपए के प्रस्ताव राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भिजवाए गए है, जिसमें तीन करोड़ रुपए पुलिया व दो करोड़ रुपए की राशि मेज नदी तक पहुंचने वाली पक्की सड़क निर्माण के लिए प्रस्तावित है।
अनुज कुमार मीणा, सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग केशवरायपाटन
पुलिया निर्माण आवश्यक
यहां मेजनदी पर पुलिया निर्माण होने से फोलाई एवं करवाला की झोपड़ियां पंचायत के दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को जिला मुख्यालय पंचायत समिति एवं कृषि मंडी तक आवागमन का सीधा सम्पर्क जुड़ जाएगा।
कमलेश मेघवाल, सरपंच, करवाला की झोपड़ियां व रामस्वरूप खींचा, सरपंच फोलाई

Hindi News / Bundi / जोखिम में जान: नाव व तार के सहारे नदी पार करने की मजबूर

ट्रेंडिंग वीडियो