पूर्व में सड़क के किनारे तालाब के सुरक्षा दीवार बनाई गई थी, लेकिन के बाद गौरवपथ बनने से दीवारे नीचे रह गई। अब तो कचरे के ढेरों के कारण सुरक्षा दीवार तक नजर नहीं आती है। तालाब के दोनों ओर चौराहे है। अनेक लोग यहां से गुजरते है। विद्यालय जाने वाले नन्हे मुन्ने बच्चे भी तालाब के किनारे सड़क से इन्हीं कचरों के ढेरों के पास से होकर गुजरते हैं, जिनमें मवेशी बैठे रहते हैं तो उनसे खतरा बना रहता है। जब की यहां पर ग्राम पंचायत द्वारा वर्ष में तीन बार तालाब के किनारे कचरें के ढेरों को हटाकर साफ सफाई करवाई जाती है। ग्रामीणों ने बताया की तालाब मॉडल रूप में विकसित हो और इसका सौंदर्यीकरण हो सकता है।
पेयजल का था स्रोत
ग्रामीण ब्रजमोहन साहू, बाबूलाल मीणा आदि ने बताया की पूर्व जब गांवों में हैण्डपम्प व बोरवेल नहीं थे, तब लोग गांव के तालाब, कुएं व बावड़ी का पानी दैनिक कार्यों के लिए काम में लेते थे।
नोताडा -देईखेडा सड़क के किनारे व गांव के निकट भैरूसागर तालाब के किनारे समय समय पर जेसीबी से कचरा साफ करवाया जाता है। इसका सौंदर्यकरण हो इसको लेकर प्रयास किए जा रहे हैं
रामदेव पहाडिया सरपंच, ग्राम पंचायत नोताडा
भैरू सागर तालाब आबादी के निकट होने से इसका सौन्दर्यकरण होता है तो गांव से गुजरने वाले राहगीरों को भी अच्छा लगे और पुराचीन जलस्त्रोत को सहेजने में भी मदद मिलेगी। इसके सौंदर्यकरण करवाने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष को भी अवगत करवा रखा है।
रामसिंह चौधरी, अध्यक्ष भाजपा लाखेरी ग्रामीण मंडल