बूंदी

शहर की जिंदगी को ऑक्सीजन की जरूरत

अरावली-विंध्याचल के मिलन स्थल पर बसी छोटी काशी बूंदी की खूबसूरती हर किसी को अपनी ओर आकृषित करती है।

बूंदीJan 25, 2025 / 05:52 pm

पंकज जोशी

नाहरदूस की बावडी

बूंदी. अरावली-विंध्याचल के मिलन स्थल पर बसी छोटी काशी बूंदी की खूबसूरती हर किसी को अपनी ओर आकृषित करती है। अपने समृद्ध इतिहास और प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर बूंदी में वह सब कुछ है जो देसी विदेशी सैलानियों को यहां खिंचलाते है। प्राचीन किले,भित्तिचित्र, बावड़ियां , जलप्रपात घने जंगल, झीले , सूरज छतरी से हरीतिमा के बीच गढ़ पैलेस को निहारना एक अलग अनिभूति देती है। प्रकृति ने भी छोटी काशी में दिल खोलकर प्यार लुटाया है।
27 प्रतिशत जंगल में सफारी का आनंद ही अलग है । टाइगर हिल, मोरडी की छतरी व तारागढ़ फोर्ट से छोटी काशी बेहद खूबसूरत नजर आती है।नवलसगर झील में दिखता गढ़ का अक्स आकर्षित करता है। यहां की हेरिटेज गलियां, भित्तिचित्र राष्ट्रीय स्तर के चित्रकारों को बहुत भाते है। चित्रकार विक्रांत शितोले बूंदी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास कर रहे है। गूगल मैप पर छायाकार नारायण मण्डोवरा के चित्रों को 27 लाख लोग देख चुके है। बेशक बीते साल में विदेशी पर्यटक कम हुए है, लेकिन देसी सैलानियों के बूंदी के पर्यटन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बूंदी पर्यटन के लिए हो रहे कार्यो से आने वाले समय में समृद्ध इतिहास व प्राकृतिक छटा के दम पर राष्ट्रीय स्तर पर बूंदी जाना जाएगा ऐसी उम्मीद है।
रानियां जिनसे है इतिहास
छोटी काशी को संवारने में रानियों का बड़ा योगदान रहा है। रानी नाथावत ने 1699 में सुंदर कलात्मक रानीजी की बावडी का निर्माण कराया। बालचन्द पाडा के ऊपर पहाड़ी पर स्थित सूरज छतरी का निर्माण रानी श्यामकंवर ने करवाया।बाईपास स्थित मोरडी की छतरी का निर्माण रानी मयूरी ने करवाया। नवलसागर झील के किनारे सुंदर महल व घाट का निर्माण रानी शोभा ने करवाया। फूलसागर का निर्माण रानी फुललता ने करवाया। भावल्दी बावडी का निर्माण रानी भावलदेवी ने करवाया। अभयनाथ बावडी का निर्माण रानी अजय कुंवरी ने करवाया। नाहरदूस की बावडी का निर्माण रानी सिसोदणी ने करवाया।

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