आजन्दा निवासी किसान भंवर लाल मीणा, धर्मराज गुर्जर, मोडू गुर्जर, रामप्रसाद प्रजापत, श्योजी गुर्जर, दयाराम गुर्जर, केदार लाल, नंदकिशोर, कालू लाल, राजू लाल आदि ने बताया कि बोयाखेड़ा माइनर के अंतिम छोर में पानी नहीं पहुंच रहा है। माइनर अब तक सूखा पड़ा है। माइनर पर करीब दो हजार बीघा खेत नहरी पानी के अभाव में सूखे पड़े और किसानों को पलेवा के लिए नहरी पानी का इंतजार करना पड़ रहा है।
उधर, सरपंच रामलाल गुर्जर ने बताया कि रोटेदा माइनर, देवली, ढ़ीकोली, झरण्या की झोपड़ियां आदि गांवों के खेतों में नहरी पानी पहुंचने से बुआई में देरी हो रही है। किसान सुरेंद्र गुर्जर ने बताया कि नहरी पानी की स्थिति को देखते हुए किसान गेहूं की बुआई सूखे खेतों में कर पानी देते हैं, लेकिन गेहूं की बुआई नहरी पानी आने के बाद ही करते हैं, जिससे बुआई के दूसरे दिन ही खेतों में पानी दिया जा सके।
लेकिन अब तक नहरी पानी नहीं पहुंचने से किसानों को बुआई में देरी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि जल प्रवाह से पूर्व माइनर की सफाई नहीं होने से भी नहरी पानी अंतिम छोर तक पहुंचने में देरी हो रही है। वहीं ऊपर के किसानों द्वारा जगह जगह अवरोध आदि लगाकर पानी का प्रवाह रोक दिया है, जिससे पानी धीरे धीरे आगे बढ़ रहा है। किसानों ने सीएडी प्रशासन से नियमित निगरानी करवाने, अवरोध आदि हटाकर जल प्रवाह करवाने की मांग की है।
नहर में पानी छोड़ने पहले नहीं की साफ सफाई
आकोदा. गुढ़ा बांध की मुख्य बायीं नहर में सिंचाई विभाग ने पानी तो छोड़ दिया है, लेकिन नहर कि स्थिति का जायजा नहीं लिया है। जानकारी अनुसार सियाणा में नहर में झाड़ झंझाड़ फंसे हुए है। नहर में बंबूलों की भरमार है। ऐसे में किसानों को समस्या सता रही है कि अगर इसमें पानी की आवक होती है तो नहर में पानी ओवरलो होगा, जिससे खेतों में पानी भरने से किसानों कि कृषि सबंधित कार्य में विलब हो सकता है। ग्रामीण लादु ने बताया कि नहर के वेस्टवेयर पानी की निकासी रामेश्वर महादेव के खाळ तक नहीं होने से निराश किसानों ने नहर को मिट्टी डालकर रोक दिया है। ऐसे में अगर पानी टेल तक पहुंचता है तो पानी से खेत लबालब भरने कि सम्भावना है।