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बसों को लगाना होगा 400 किमी का फेरा, निगम की आय बढ़ाने पर जोर

रोडवेज को घाटे से उबारने के लिए अब राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने प्रदेश के सभी डिपो को आय बढ़ाने को लेकर फरमान जारी किया है।

बूंदीNov 25, 2024 / 07:28 pm

पंकज जोशी

बसों को लगाना होगा 400 किमी का फेरा, निगम की आय बढ़ाने पर जोर

बूंदी डिपो

बूंदी. रोडवेज को घाटे से उबारने के लिए अब राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने प्रदेश के सभी डिपो को आय बढ़ाने को लेकर फरमान जारी किया है। मुख्यालय ने सभी प्रबंधक को निर्देश दिए कि आगार से निकलने वाली बसें 400 किमी का फेरा तय करें। वहीं आय भी 33 रुपए प्रति किमी आनी चाहिए। यह कवायद आगार को मिली नई बसें को लेकर की जा रही है। इधर, आदेश मिलने के बाद सभी डिपो ने इस पर कार्य करना शुरू कर दिया है। हालांकि कई जगहों पर 400 किमी फेरा करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
आगारों ने बसों के रूट बढ़ाने के साथ कुछ नए मार्गों पर बसें शुरू करने की योजना बनाई है। बूंदी डिपो में वर्तमान में 60 बसें है, जो प्रतिदिन 18 हजार 500 का फेरा कर रही है। हालांकि इसको बढ़ाने के लिए डिपो ने प्रयास शुरू कर दिए है। ताकि रोडवेज की कमाई को बढ़ाया जा सके। साथ ही इससे चालक-परिचालकों की ड्यूटी समय भी बढ़ेगा।
नई बसों से आय की उम्मीद
प्रदेश में रोडवेज के कुल 52 आगार है। सभी में नई बसें पहुंच चुकी है। वहीं कुछ और आना शेष है। ऐसे में नई बसें मिलने के बाद अब आय बढ़ाने के लिए बसों को लम्बी दूरी पर संचालन और कम दूरी वाले मार्ग को बढ़ाने को लेकर प्रयास शुरू कर दिए है। मुख्यालय का मानना है कि नई बसें से लंबी दूरी पर फर्राटे भरने के साथ यात्री अधिक मिलेंगे। मेंटेनेंस अच्छा होने के साथ नई बसों में बैठने में परेशानी नहीं होगी। बूंदी आगार को दो बार में 10 नई बसें मिली थी,हालांकि पांच नई बसें अलवर भेज दी गई। अब पांच नई बसें जल्द बूंदी डिपो को मिलेगी।
निजी की मनमानी थमेगी
बसों के फेरे बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण इलाकों में बस शुरू होने से ग्रामीण क्षेत्रों के यात्रियों को ज्यादा फायदा मिलेगा। साथ ही निजी की मनमानी थमेगी। वहीं बस सेवा शुरू होने से ग्रामीणों को आवाजाही का साधन मिलने से सुविधा बढ़ेगी।
बढ़ाना होगा यात्रीभार
आय बढ़ाने के साथ ही कार्मिकों की आठ घंटे की ड्यूटी को लेकर भी यह कवायद की गई है। देखने में आया है कि छोटे मार्ग पर चलने के कारण चालक-परिचालक की ड्यूटी के आठ घंटे पूरे नहीं होते हैं। अब छोटे मार्ग पर चलने वाली बसों को 400 किमी संचालन के लिए प्रतिदिन 3-4 ट्रिप करने पड़ रहे हैं। ग्रामीण रुट पर यात्रीभार लाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। रूट 60 से 65 किमी होने पर भी समय करीब दोगुना लग जाता है। मार्ग में ठहराव काफी अधिक और यात्री भार भी लाना हैं। इस तरह सुबह 8 से शुरू होने वाली ड्यूटी के खत्म होते-होते रात के आठ बज जाते हैं। ड्यूटी आठ नहीं 10-12 घंटे हो जाती है।
इनका कहना है
मुख्यालय ने आय बढ़ाने को लेकर कवायद शुरू की है। इसको लेकर डिपो की बसों को 400 किमी का फेरा करना होगा। वर्तमान में बूंदी डिपो की 60 बसें 18 हजार 500 किमी का सफर तय कर रही है’।
सुनीता जैन,मुख्य प्रबंधक,बूंदी डिपो

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