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कागजों के झंझट से मुक्त हुआ वन विभाग, शिकारियों पर एफआइआर अब ऑनलाइन

कागजों के झंझट से अब जिले का वन महकमा भी मुक्त हो गया।जी हां! अब वन्यजीव शिकारियों के खिलाफ वन विभाग ऑनलाइन एफआइआर दर्ज करेगा।

बूंदीApr 13, 2020 / 06:41 pm

Narendra Agarwal

कागजों के झंझट से मुक्त हुआ वन विभाग, शिकारियों पर एफआइआर अब ऑनलाइन

कागजों के झंझट से मुक्त हुआ वन विभाग, शिकारियों पर एफआइआर अब ऑनलाइन

बूंदी वन विभाग ने वेबपोर्टल पर अपलोड किए केस
बूंदी. कागजों के झंझट से अब जिले का वन महकमा भी मुक्त हो गया।जी हां! अब वन्यजीव शिकारियों के खिलाफ वन विभाग ऑनलाइन एफआइआर दर्ज करेगा।
वन विभाग के पोर्टल फॉरेस्ट मैनेजमेंट एंड डिसिशन स्पोर्ट सिस्टम (एफएमडीएसएस) के जरिए ऑनलाइन प्रकरण दर्ज होगा। इससे विभाग के उच्चाधिकारी एक क्लिक पर अपराधी का रिकॉर्ड खंगाल सकेंगे। इसमें वन एवं पर्यावरण मंत्रालय सहित विभाग के पोर्टल पर शिकारियों के नाम पते, फोटो और वन्य जीव अधिनियम में कार्रवाई का ब्योरा अपलोड होगा। प्रदेश के सभी वन मंडलों में इसकी शुरुआत हो गई।
बूंदी वन विभाग ने अब तक करीब 1510 केस वेब पोर्टल पर अपलोड़ कर दिए। इस पोर्टल पर रेंज ऑफिसर को आग, रेस्क्यू ऑपेरशन व फायर आदि की घटना की जानकारी भी अपलोड करनी होगी। विभाग के आधिकारिक सूत्रों की माने तो ऑनलाइन एफआइआर दर्ज होने से कागजों से मुक्ति मिल जाएगी और एक क्लिक पर शिकारियों को सम्पूर्ण डाटा सामने होगा। इससे कहीं कोई कागज नहीं देखना पड़ेगा।
अभी कागजों में दर्ज हो रही थी एफ आइआर
वन विभाग अभी कागजों में एफआइआर दर्ज कर रहा था।इनके खिलाफ वन्य जीव अधिनियम के तहत कार्रवाई भी होती तो एफआइआर कागजों में दर्ज की जा रही थी। शातिर शिकारी तो विभाग के एक से दूसरे रेंज में कई मामलों में सक्रिय बताए। अब पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज होने से राहत मिलेगी।
पर्यावरण मंत्रालय से जुड़ेगा
वन विभाग में भी शिकारियों का कम्प्यूटरीकृत डाटा तैयार करने के लिए ऑनलाइन एफआइआर सिस्टम बनाया गया। जिसमें शिकारियों के खिलाफ ऑनलाइन एफआइआर दर्ज करना शुरू कर दी।यह सीधे वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जोड़ दिया।
नाम पते व फोटो मिलेगा
ऑनलाइन एफआइआर में शिकारियों व अन्य अपराधियों के नाम, पते व फोटो और आपराधिक रिकॉर्ड वेब पोर्टल पर मिलेगा। इससे अधिकारियों को भी सुविधा होगी। जिस तरह पुलिस ने क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग सिस्टम (सीसीटीएनएस) के तहत ऑनलाइन एफआइआर दर्ज करती है। उसी तरह वन विभाग में ऑनलाइन एफआइआर सिस्टम तैयार किया गया।
‘शिकारियों की ऑनलाइन एफआइआर दर्ज होना शुरू हो गई। बूंदी जिले में करीब 10 से 12 साल पुराने केस को भी वेब पोर्टल पर अपलोड कर दिया। इस कार्य से कागजों से मुक्ति मिलेगी।’
सुरेश मिश्रा, वन मंडल अधिकारी, बूंदी

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